गड़बड़ियों से भरा है NTA का इतिहास, फेल साबित हो रहा मॉडल... नए DG के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या?
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NTA का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है.
देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और विपक्ष के हमलों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने NEET-UG में कथित अनियमितताओं और UGC-NET परीक्षा रद्द करने के विवाद के बीच शनिवार को एक बड़ा एक्शन लिया. सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के चीफ को उनके पद से हटा दिया. NTA के पुराने महानिदेशक (DG) सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह अब रिटायर्ड IAS प्रदीप सिंह खरोला NTA के नए महानिदेशक होंगे.
NTA में सुधार के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन
बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनटीए में आंतरिक सुधार के संकेत दिए थे. इसे लेकर सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर BoG अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली हाईलेवल कमेटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना व कार्यप्रणाली पर सिफारिशें पेश करेगी और दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी.
सारी उंगलियां NTA की तरफ
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने NEET-UG परीक्षा में कथित गड़बड़ियों का मामला व्यापक जांच के लिए CBI को सौंप दिया है. रविवार को होने वाली नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है. फिलहाल सारी उंगलियां NTA की तरफ उठ रही हैं जिसकी जिम्मेदारी अब नए प्रमुख प्रदीप सिंह खरोला के कंधों पर है.
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