खालिस्तान समर्थकों के आगे सरेंडर है ट्रूडो सरकार! कनाडा की मीडिया ने PAK को भी किया बेनकाब
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कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत पर आरोप लगाए. इसके बाद कनाडा खुद घिरता चला गया. खालिस्तान समर्थकों के प्रति उसका नरम रवैया सबके सामने आया. अब निज्जर के बेटे ने भी बताया है कि उसके पिता कनाडा के खुफिया अधिकारियों से लगातार मिल रहे थे.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आज से ठीक 10 दिन पहले खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के बेबुनियाद आरोप लगाए थे. अब निज्जर के बेटे ने धमाकेदार खुलासा किया है.
कनाडा की मीडिया से निज्जर के बेटे बलराज निज्जर ने कहा है कि उसके पिता कनाडा के खुफिया अधिकारियों से लगातार मिल रहे थे. उसके मुताबिक निज्जर हफ्ते में एक या दो बार कनाडा के खुफिया अधिकारियों से मिला करते थे. आखिरी बार निज्जर की मुलाकात हत्या से एक या दो दिन पहले हुई थी.
बलराज ने ये दावा भी किया है कि वो हरदीप निज्जर और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की मीटिंग में शामिल हुआ था. इस मीटिंग में निज्जर को सलाह दी गई थी कि वो घर के भीतर ही रहे.
कनाडा के अखबार ने खालिस्तानियों को बेनकाब किया
इस बीच कनाडा के अखबार नेशनल पोस्ट ने अपने लेख से पाकिस्तान के साथ ही खालिस्तानियों को भी बेनकाब कर दिया है.
लेख में लिखा है, 'अफगानिस्तान में जब सिख आतंक के माहौल में फंस गए थे, तब भारत ने उन्हें बचाकर निकाला और उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया. इन तथाकथित सिख रक्षकों (खालिस्तानियों) ने कुछ नहीं किया. ना ही कनाडा ने. पाकिस्तान में सिखों पर भयंकर ज्यादतियां होती हैं. भारत ही उनकी आवाज उठाता है और समर्थन देता है. इन जुल्मों पर ये तथाकथित सिख रक्षक मौन साध लेते हैं क्योंकि उन्हें पाकिस्तान से पैसा मिलता है. इसलिए वो कभी पाकिस्तान से जमीन लेने की बात नहीं करते जबकि बड़ी संख्या में सिखों के घर पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में थे. इनमें से कई सिख विभाजन के दौरान भारत के पंजाब में चले आए जब उन पर पाकिस्तान में हमले हुए और उनकी हत्या की गई. भारत ने उन्हें पहले शरण दी और फिर नागरिकता दी.
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