क्यों ट्रंप के DOGE की तुलना सोनिया गांधी के 2004 के प्रशासनिक प्रयोग से हो रही?
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डोनाल्ड ट्रंप की जीत में एलॉन मस्क की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने स्विंग स्टेट्स में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए फंडिंग मुहैया कराने में भी मदद की और अब ट्रंप की नई टीम के गठन में वह हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन ट्रंप के कार्यकाल 2.0 में उन्होंने जिस नए विभाग DOGE का गठन किया है. उसकी तुलना 2004 में सोनिया गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहते हुए NAC के गठन से हो रही है.
2024 राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से यह साफ है कि नई सरकार में एलॉन मस्क बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं. ट्रंप पर जानलेवा हमले के तुरंत बाद मस्क ने सार्वजनिक तौर पर उनका समर्थन किया था. उन्होंने ट्रंप का सिर्फ समर्थन ही नहीं किया बल्कि ट्रंप के प्रचार में लगभग सात करोड़ डॉलर खर्च भी किए.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि ट्रंप की जीत में एलॉन मस्क की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने स्विंग स्टेट्स में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए फंडिंग मुहैया कराने में भी मदद की और अब ट्रंप की नई टीम के गठन में वह हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन ट्रंप के कार्यकाल 2.0 में उन्होंने जिस नए विभाग DOGE का गठन किया है. उसकी तुलना 2004 में सोनिया गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहते हुए NAC के गठन से हो रही है. लेकिन क्यों?
ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी टीम का गठन कर रहे हैं. लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशिएंसी (DOGE) नाम से एक नया विभाग सुर्खियों में है. इस विभाग की अगुवाई की कमान एलॉन मस्क और भारतवंशी विवेक रामास्वामी को सौंपी गई है. DOGE का उद्देश्य बड़ी संख्या में संघीय एजेंसियों को बंद कर ब्यूरोक्रेसी के क्लीनअप का है. कहा जा रहा है कि इस क्लीनअप के तहत अमेरिका की 428 में से 99 एजेंसियां ही बच पाएंगी, बाकी सब पर ताले लगने वाले हैं.
लेकिन DOGE की तुलना भारत में लगभग दो दशक पहले गठित एक सरकारी संस्था से हो रही है. कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में दो दशक पहले इसका गठन किया गया था. 2004 में सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) का गठन किया था, जिसका काम मुख्य नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना था. हालांकि, समय के साथ NAC का प्रभाव बढ़ता गया. आलोचकों का कहना है कि इसने सरकार के औपचारिक ढांचे को दरकिनार कर शैडो गवर्मेंट के तौर पर काम किया था.
2004 में जब मनमोहन सिंह को UPA सरकार में प्रधानमंत्री बनाया गया. उस समय सोनिया गांधी का सरकार में किसी तरह का औपचारिक पद नहीं था. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने सलाहकार समिति के तौर पर NAC का गठन किया था. समिति ने गरीबी उन्मूलन, हेल्थकेयर, शिक्षा और सामाजिक न्याय सहित कांग्रेस पार्टी के एजेंडे पर काम किया था. इस समिति का मूल उद्देश्य इन क्षेत्रों में सरकार को सुझाव देना था.
सलाहकार समिति होने के बावजूद NAC को व्यापक स्तर पर सरकार के फैसलों में उसकी व्यापक भूमिका के लिए जाना जाता है. इस समिति में सोनिया गांधी की सीधी भूमिका थी. उनका इस समिति पर इतना प्रभाव था कि इससे कैबिनेट में तनाव भी बढ़ा.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. इसलिए वह अभी से अपनी बेस्ट टीम बनाने में जुट गए हैं. ट्रंप ने मस्क और विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) की जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात का ऐलान किया है कि मुझे देशभक्त एलन मस्क को इस विभाग का नेतृत्व सौंपने में खुशी हो रही है.
कैबिनेट की वीकली मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपित मसूद पेजेशकियन ने कहा, 'हमारे देश में ईंधन कम है और हम सर्दियों में समस्याओं का सामना कर सकते हैं. इसलिए हमें अब पावर प्लांट को समायोजित करना होगा, ताकि आने वाले दिनों में परेशानी से बचा जा सके. अगर हम इसके बारे में आज नहीं सोचेंगे तो हमें सर्दियों में एक गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है'.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं. रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जबरदस्त जीत हासिल की है. ट्रंप की जीत से उनके समर्थकों में खुशी है तो विपक्षी नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक निराश हैं. इस बीच, अमेरिका की एक क्रूज शिप कंपनी ने ट्रंप की जीत से निराश लोगों को 4 साल के लिए 'स्किप फॉरवर्ड' का ऑफर दिया है. अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का होता है.
एलन मस्क कई बार कह चुके कि उनके पास अपना कोई घर नहीं, बल्कि वे अपने किसी दोस्त या परिचित के घर रात बिताते हैं. फिलहाल अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप का घर उनका ठिकाना है. वे फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो के एक कमरे में ठहरे हुए हैं. मस्क अकेले नहीं, बहुत से बेहद अमीर लोग अपना घर लेने से बचते रहे, या फिर घर बनाया भी तो आम लोगों की तरह.