क्या UP पंचायत इलेक्शन को विधानसभा चुनाव 2022 का सेमीफाइनल माना जाना चाहिए?
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यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी सत्ता में रहते हुए भी प्रदेश के किसी भी जिले में 50 फीसदी सीटें हासिल नहीं कर सकी है. वही, सपा ने अपना दुर्ग को बचाए रखने के साथ-साथ बीजेपी के मजबूत इलाकों में बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसे में पंचायत चुनाव के नतीजों का असर क्या अगले साल शुरुआत में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा?
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव नतीजे आए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर जिलों में बीजेपी को समाजवादी पार्टी ने कड़ी टक्कर दी है. जबकि कई जगहों पर तो सपा के उम्मीदवार बीजेपी पर भारी पड़े हैं. बीजेपी सूबे की सत्ता में रहते हुए भी सूबे के किसी भी जिले में 50 फीसदी सीटें हासिल नहीं कर सकी है. वही, सपा अपना दुर्ग को बचाए रखने के साथ-साथ बीजेपी के मजबूत इलाकों में बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसे में पंचायत चुनाव के नतीजों का असर क्या अगले साल शुरुआत में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा? यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी तमाम तैयारी के साथ मैदान में उतरी थी. सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी सांसद-विधायकों को मोर्चे पर लगाया गया था. ऐसे ही समाजवादी पार्टी से लेकर बसपा और कांग्रेस तक ने भी अपनी तैयारियां की थी, जिसके चलते पंचायत चुनाव को 2022 का सेमीफाइल माना जा रहा था. ऐसे में अब चुनावी नतीजे आए हैं उससे पार्टी को न सिर्फ अपनी जमीनी पकड़ का अंदाज मिला है, बल्कि सांगठनिक कमजोरियों का भी संकेत मिल गया है. चुनाव नतीजों ने बीजेपी को यूपी में फिर से मंथन पर मजबूर किया है तो वहीं सपा को उम्मीद की एक किरण दिखाई दी है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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