
क्या सोना पाकर बदलेगी पाक की किस्मत, या अफ्रीका की तरह बन जाएगा इंटरनेशनल झूमाझटकी का ग्राउंड?
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राजनैतिक उठापटक और महंगाई से जूझते पाकिस्तान को काफी वक्त बाद एक अच्छी खबर मिली. वहां अटक जिले में सिंधु नदी किनारे-किनारे लगभग 30 किलोमीटर इलाके में सोने का भंडार हो सकता है. आठ बिलियन पाकिस्तानी रुपयों के बराबर कीमत वाला ये भंडार गेम चेंजर हो सकता है, लेकिन फसल पकने से पहले ही वहां बंटवारे की बात करने वाली ताकतें जमा हो चुकीं.
लगता है कि बदहाली से गुजर रहे पाकिस्तान के दिन अब फिरने वाले हैं. वहां के पूर्व खनन मंत्री इब्राहिम हसन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ पाकिस्तान के हवाले से देश में सोने का भारी भंडार मिलने का दावा किया. बकौल हसन, वहां पंजाब प्रांत में सोने के इतने बड़े भंडार का पता लगा है कि देश की आर्थिक तंगी चुटकियों में खत्म हो जाएगी. ये भी कहा जा रहा है कि अवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने पाबंदियां भी लगा रखी हैं. लेकिन नदियों में सोने का भंडार मिलना क्या नई उलझनें ला सकता है, जैसा अफ्रीकी देशों में हो रहा है?
सोने के साथ क्यों खाक होने लगा अफ्रीका
बीते डेढ़ दशक में अफ्रीका के कई देशों में सोना और कीमती धातुओं के भंडार की खबरें आईं. साल 2018 में बुर्किना फासो, माली और नाइजर में गोल्ड का पता लगा. ये वो वक्त था, जब इस्लामिक स्टेट सीरिया और इराक से लगभग खत्म हो चुका था. अब उन्हें हेडक्वार्टर की तलाश थी. ये देश उनके लिए बेस्ट हाइड-आउट तो बने ही, साथ ही अपनी टूटी हुई इकनॉमी को दोबारा बनाने का मौका भी दिया. आतंकी गुटों ने खनन से होने वाली कमाई को आतंकवाद और नेटवर्किंग में झोंकना शुरू कर दिया.
कोढ़ में खाज ये कि गोल्ड से जीवन सुधारने का सपना देख रहे स्थानीय लोगों को इसके खनन के काम में लगा दिया गया. मजदूरी लोकल्स कर रहे हैं, और पैसे आतंकियों को मिल रहे हैं. सारे रिसोर्सेज हथिया चुके आतंकी अब वहां के युवाओं को भी अपने साथ मिला रहे हैं.
नकली लड़ाइयों का बन चुका मैदान

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