![क्या मॉरीशस में बसे भारतीय भी देश लौट सकेंगे, क्या है OCI कार्ड, जिसका एलान राष्ट्रपति ने किया?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202403/65f3fd3ec8088-what-is-oci-card-announced-by-president-droupadi-murmu-in-mauritius-154813578-16x9.jpg)
क्या मॉरीशस में बसे भारतीय भी देश लौट सकेंगे, क्या है OCI कार्ड, जिसका एलान राष्ट्रपति ने किया?
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सीएए लागू होने के बीच विदेशों में बसे भारतीयों को जड़ से जोड़े रखने की नई पहल सामने आई. अब मॉरीशस में बसी हिंदुस्तानी मूल की 7वीं पीढ़ी को भी भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) मिल सकेगी. जानिए, क्या है ये, और कैसे भारतीय नागरिता से अलग है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हाल ही में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने एलान किया कि हिंदुस्तानी मूल की सातवीं जेनरेशन को भी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड मिल सकेगा. इससे दशकों पहले देश से दूर देश बसा चुके लोगों को एक बार फिर अपनी जड़ों को देखने का मौका मिल सकेगा. साथ ही कई दूसरी छूटें भी मिलेंगी जो विदेशी नागरिकों को नहीं मिलतीं.
मॉरीशस कैसे पहुंचे भारतीय 19वीं सदी में अंग्रेज बड़े पैमाने पर भारतीय मजदूरों को मॉरीशस ले गए थे. उनसे यहां खेती-किसानी से लेकर सारे भारी काम करवाए जा रहे थे. भारतीयों को ले जाने का सिलसिला सालों चलता रहा. ये केवल मॉरीशस नहीं, अंग्रेजी हुकूमत वाले कई देशों में था. भारतीय गुलाम की तरह दूसरे देश भेजे जाते थे.
आगे चलकर इसके खिलाफ काफी आवाजें उठीं, और मजदूरों की सप्लाई पर रोक लग गई. इन मजदूरों को गिटमिटिया कहा जाता था. बाद के समय में माहौल बदला. देश छोड़कर गए लोगों ने खूब काम करके मॉरीशस को खुशहाल बना दिया. अब यह एक हिंदू-बहुल देश है, जबकि अफ्रीका के बाकी सारे देश मुस्लिम और ईसाई बहुल हैं. अब भी मॉरीशस भारत से काफी करीब है.
OCI कार्ड की घोषणा
मॉरीशस की नई पीढ़ी को भारत से जोड़े रखने के लिए राष्ट्रपति ने उनके लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड का एलान किया. ये असल में एक स्कीम है, जो भारतीय मूल के लोगों को देश के विदेशी नागरिक के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने का मौका देती है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.