'क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं?', जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के मुद्दे पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे
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राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मिमिक्री की आलोचना करते हुए इसे किसान और जाट (उनकी जाति) के रूप में उनकी पृष्ठभूमि का अपमान बताया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी इसे मुद्दा बनाया है. इस पर खड़गे ने कहा कि चेयरपर्सन का काम दूसरे सदस्यों को सुरक्षा देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के मुद्दे पर बीजेपी लगातार विपक्ष पर निशाना साध रही है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जातियों को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए और आश्चर्य जताया कि जब भी उन्हें राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है तो क्या उन्हें अपने दलित मूल का मुद्दा उठाना चाहिए.
दरअसल, राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मिमिक्री की आलोचना करते हुए इसे किसान और जाट (उनकी जाति) के रूप में उनकी पृष्ठभूमि का अपमान बताया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी इसे मुद्दा बनाया है.
इस पर पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि चेयरपर्सन का काम दूसरे सदस्यों को सुरक्षा देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है. क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं दलित हूं?"
न्यूज एजेंसी के मुताबिक खड़गे ने कहा कि किसी को सदन के अंदर जाति के बारे में बात करके संसद के बाहर लोगों को जाति के नाम पर नहीं भड़काना चाहिए. मुझे बहुत बुरा लगा. अगर हर कोई हर बार अपनी जाति को सामने लाता है और कहता है कि उसकी जाति प्रभावित होती है तो मेरी जाति हमेशा प्रभावित होती है. मुझे बोलने की अनुमति नहीं है. मैं जो भी सवाल उठाता हूं, मुझे जवाब नहीं मिलता है. हम बोलना चाहते थे, चिदंबरम, वाइको, अन्य लोग वहां थे और बोलने के लिए खड़े हुए लेकिन उनके (भाजपा) सभी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
उन्होंने कहा कि 10 लोगों के लिए अगर सत्ता पक्ष के 200 लोग सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए खड़े हो जाते हैं, तो यह लोकतंत्र का मजाक है. मिमिक्री की घटना सदन के बाहर हुई और सभी ने इसे देखा है. सदन के अंदर प्रस्ताव पारित करना, इसकी निंदा करना, यह क्या है? संसदीय कार्य मंत्री को बोलने और प्रस्ताव बनाने का समय दिया गया था और हम सच बोलना चाहते हैं, लेकिन हमें अनुमति नहीं मिल रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम किसी का अपमान नहीं करना चाहते और न ही हमारा इरादा ऐसा है. ऐसा करना हमारे चरित्र में नहीं है."
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