
क्या तालिबान का एनर्जी बूस्टर बन गया है पाकिस्तान? भारत को क्यों उठाना पड़ा ये कदम
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जुलाई में अफगानिस्तान के सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि तालिबान की मदद के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की तरफ से लगातार निर्देश दिये जा रहे हैं. ISI अफगानिस्तान में तालिबानी और पाकिस्तानी आतंकवादियों को भारत के बनाए प्रतिष्ठान और संपत्तियों को निशाना बनाने के लिए कहा जा रहा है.
अफगानिस्तान में हालात बेकाबू होने की वजह से भारत ने एक बड़ा फैसला लिया है. भारत ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों के लिए घर वापसी का अलर्ट और दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. क्योंकि पिछले एक हफ्ते में तालिबान ने एक के बाद एक कई शहरों पर कब्जा कर लिया है. ऐसी खबरें हैं कि तालिबान को पाकिस्तान का भरपूर साथ मिल रहा है. पाकिस्तान के 20 हज़ार लड़ाके तालिबान की मदद के लिए भेजे गए हैं और इसमें आईएसआई (ISI) का भी हाथ है. अफगानिस्तान के हालात से पूरे मध्य एशिया में खलबली मचाई हुई है.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.