![क्या खुद इजरायल ने हमास को फलने-फूलने में मदद की थी, कतर की फंडिंग को पहुंचाता था गाजा बॉर्डर तक](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202401/65a0cac1e5d56-did-israel-helped-qatar-fund-hamas-in-gaza-strip-121440661-16x9.jpg)
क्या खुद इजरायल ने हमास को फलने-फूलने में मदद की थी, कतर की फंडिंग को पहुंचाता था गाजा बॉर्डर तक
AajTak
इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच 3 महीने से लड़ाई चल रही है. इस बीच कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि खुद इजरायल ने हमास को फलने-फूलने में मदद की. उसने कुछ साल पहले कतर से डील की थी कि वो हमास को हर महीने पैसे भेजता रहे. ये सारा फंड इजरायली सीमा से होते हुए ही गाजा पहुंचा.
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया. इससे ठीक पहले इजरायली इंटेलिजेंस मोसाद के लोग कतर सरकार से मिलने पहुंचे थे. सालों तक कतर से गाजा पट्टी तक भारी मदद पहुंचती रही. इन्हीं पैसों से हमास खड़ा हुआ. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने न केवल इस फंडिंग पर हामी भरी, बल्कि उसे बढ़ावा ही देते रहे थे. सऊदी अरब के पूर्व खुफिया प्रमुख प्रिंस तुर्की अल-फैसल ने भी ये आरोप लगाया कि इजरायल अपने कारणों से हमास तक कतर के पैसे पहुंचने दे रहा था.
गाजा पट्टी को मिल रही थी फंडिंग
साल 2018 में दोहा से गाजा की तरफ फंडिंग पहुंचने लगी. इजरायल को इस बारे में सारी जानकारी थी. एक इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट सऊदी अरब के इंटेल चीफ अल-फैसल के हवाले से कहती है कि 15 मिलियन डॉलर सूटकेस से उसी साल गाजा पहुंचे. हमास ने दावा किया कि वो इन पैसों से लोगों को तनख्वाह दे रहा है और अस्पतालों तक सुविधाएं पहुंचा रहा है. तब तक वेस्ट बैंक की फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) ने गाजा पट्टी के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर दी थी. ये बात खुद इजरायल सरकार ने कही ताकि उसका कतर से आने वाले पैसों पर पक्ष साफ रहे.
क्या कहना था इजरायल का
इस दौरान नेतन्याहू पर आरोप भी लगा कि वो हमास को लेकर नर्म रवैया रखते हैं. लेकिन उनका कहना था कि कुछ भी बिना सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स से बातचीत किए बिना नहीं हो रहा. इजरायली सरकार ने ये दावा भी किया कि इन पैसों से गाजा में सुविधाएं बढ़ेंगी, साथ ही शांति भी बढ़ेगी. इससे हमास भी लड़ने-झगड़ने की बजाए सरकारी कामकाम में उलझ जाएगा.
![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214171223.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
![](/newspic/picid-1269750-20250214141339.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
![](/newspic/picid-1269750-20250214112147.jpg)
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214095639.jpg)
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.