क्या अहमद पटेल की राजनीतिक विरासत संभालेंगी मुमताज? पिता पर गंभीर आरोप लगने के बाद हुईं सक्रिय
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गुजरात दंगा मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने दावा किया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बड़ी साजिश रची थी. इन आरोपों का उनकी बेटी मुमताज पटेल ने खुलकर सामना किया था. इसी के बाद चर्चा होने लगी थी कि मुमताज पटेल राजनीति में सक्रिय हो सकती हैं.
गुजरात में कांग्रेस के डैमेज कंट्रोलर और फायर ब्रिगेड कहे जाने वाले अहमद पटेल की कमी आज विधानसभा चुनाव से पहले सबसे ज्यादा खल रही है. यहां कांग्रेस नेता अंदरूनी गुटबाजी और आपसी झगड़े के चलते पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं. ऐसे में हर किसी की जबान पर अब यही है कि अगर अहमद पटेल होते तो ऐसा न होता. चुनाव नजदीक आने के साथ ही एक चर्चा और तेज हो गई है कि क्या अहमद पटेल की राजनीतिक विरासत अब उनकी बेटी मुमताज पटेल संभालेंगी?
उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो मैं राजनीति में जरूर आऊंगी. अभी मैं सामाजिक काम कर रही हूं और वह मैं आगे भी करती रहूंगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला नहीं किया है. मुमताज पटेल ने अपने भाई फैजल पटेल को लेकर कहा कि वह राजनिती में आना चाहते थे, लेकिन उनकी तबीयत इतनी ठीक नहीं रहती. उन्होंने कहा कि उनके भाई कभी-कभी ट्वीट करते हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा गंभीरता से न लिया जाए.
मुमताज पटेल ने कहा कि हमारा नाम अहमद पटेल के साथ जुड़ा है. मेरे बच्चे छोटे थे इसलिए मैं इतना एक्टिव नहीं थी. पिता के गुजरने के बाद मैंने काम करना शुरू किया है. उन्होंने जो अस्पताल बनाया है, जो शिक्षण संस्थान बनाए हैं, उसके लिए मैं अभी काम कर रही हूं.
बीजेपी पर जमकर बोला था हमला
पिता अहमद पटेल पर लगे आरोपों पर मुमताज पटेल ने ट्वीट किया था कि उनके पिता के नाम में अभी भी वजन है, इसीलिए राजनीतिक फायदे के लिए उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर आरोप सही हैं तो तीस्ता सीतलवाड़ को यूपीए की सरकार में राज्यसभा सांसद क्यों नहीं बनाया गया? उन्होंने यह भी पूछा कि 2020 तक सरकार ने इतनी बड़ी साजिश की जांच क्यों नहीं करवाई?
उन्होंने लिखा था कि 8 सालों से मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ देश का नेतृत्व कर रही है. आज हमारे देश में सब कुछ गलत हो रहा है. आप लोग अभी भी कांग्रेस को दोष दे रहे हैं. दूसरों पर दोषारोपण करने वाला कभी नहीं उठ सकता. चुनाव आ रहे हैं तो यह सब होना ही था.
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