क्या अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है India? इंडस, India से भारत नामकरण तक की पूरी कहानी
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अलग भौगोलिक वातावरण में पले बढ़े यूरोपियनों को हिन्दुस्तान कहने में दिक्कत होती थी. तभी उन्हें पता चला कि ग्रीक कभी इसी देश को इंडस और इंडिया कहा करते थे. इसी के बाद उन्होंने भारत को इंडिया कहना शुरू कर दिया. तब अंग्रेजों का सिक्का चलता था, जाहिर है हमारा जो नाम उन्होंने चलाया वही लोगों की जुबान पर चढ़ गया
देश के नाम से INDIA हटाने का सवाल आया तो मानो हिन्दुस्तान के हजारों साल के इतिहास के पन्ने पलटने लगे. इस भूखंड का नाम भारत कैसे हुआ? इस देश को सर्वप्रथम इंडिया किसने कहा? क्या प्रचलित धारणा के मुताबिक हमें अंग्रेजों ने सबसे पहले इंडिया नाम दिया? ऐसे कई सवाल हैं. संविधान में हमारे देश का नाम इंडिया और भारत दोनों ही है. हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद-1 में नाम का परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है- 'इंडिया दैट इज भारत.
इंडिया और भारत का विवाद खड़ा हुआ तो मंगलवार को बंगाल बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इंडिया नाम हमें अंग्रेजों ने दिया है और इससे मुक्ति पाने की जरूरत है. लेकिन क्या ये सच्चाई है? हम आपको बताते हैं कि हमारे देश को इंडिया नाम किसने दिया और ये नाम कैसे प्रचलन में आया.
ग्रीक ने सबसे पहले कहा इंडिया
इंडिया शब्द का प्रयोग सबसे पहले ग्रीकों ने किया. दरअसल जब ईसा से 5वीं सदी पहले ग्रीक वासी सिंधु नदीं के किनारे आए तो या फिर जब फारस के लोगों से उनका संपर्क हुआ तो उन्होंने सिंधु नदी के पार के लोगों को इंडस कहा. दरअसल ग्रीक सिंधु नदी के पार रहने वाले लोगों को हिन्दस कहना चाहते थे. बता दें कि सिंधु नदी के इस ओर रहने वाले लोगों को हिन्द, हिन्दू, हिन्दवान, हिन्दुश जैसी संज्ञाओं से बुलाया जाता था. इसी सिंधु से हिन्दू नाम प्रचलन में आया और इस देश का नाम हिन्दुस्तान पड़ा.
हिन्दस को इंडस बोला
ये बात हडप्पा सभ्यता के समय की है. कुछ सौ सालों बाद जब ग्रीक और यूनानी अपने सैन्य अभियान के लिए भारत की ओर आना चाहते थे तो उन्हें सिंधु नदी को पार करना था. अब ग्रीक पहले जिन लोगों को हिन्दस कहते थे उसे उन्होंने इंडस कहना शुरू किया.
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