
कोरोना: 12 साल से ऊपर के बच्चों पर मॉडर्ना की वैक्सीन के प्रभावी होने का दावा, जानिए ट्रायल के क्या रहे थे नतीजे
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कोरोना के संकट के बीच अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि उनकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर है. ऐसे में कंपनी ने ट्रायल को लेकर क्या जानकारी दी है, एक नज़र डालें...
कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. अभी तक अधिकतर देशों में 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जा रहा है. लेकिन अब आने वाले चरणों में बच्चों पर कोरोना का खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में वैक्सीन बनने का काम शुरू हो गया है. अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि उनकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर है. ऐसे में कंपनी ने ट्रायल को लेकर क्या जानकारी दी है, एक नज़र डालें...कितने बच्चों पर किया गया है ट्रायल? कंपनी ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी वैक्सीन 12 साल से 17 साल के उम्र वाले बच्चों पर कारगर साबित हुई है. कंपनी द्वारा पहले ही 18 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों के लिए वैक्सीन को बाज़ार में उतारा जा चुका है. मॉडर्ना ने 12 से 17 साल के उम्र वाले करीब 3732 बच्चों पर फेज़ 2 और फेज़ 3 का ट्रायल किया. ये सारे ट्रायल अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में किए गए हैं, ट्रायल के बाद सामने आया है कि बच्चों के शरीर में वैक्सीन लगने से इम्युन सिस्टम मजबूत हुआ है, जो वायरस का मुकाबला कर सकता है.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.