कोरोना: सिंगल डोज वाली Sputnik Light को रूस ने दी मंजूरी, 80 फीसदी तक प्रभावी होने का दावा
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एक बयान के मुताबिक दो-शॉट वाली स्पूतनिक-वी वैक्सीन की तुलना में सिंगल डोज वाली स्पूतनिक लाइट ज्यादा प्रभावी है. जिसमें स्पूतनिक-वी 91.6 प्रतिशत तक प्रभावी है जबकि स्पूतनिक लाइट की सिंगल डोज 79.4 प्रतिशत तक प्रभावी है.
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है. हाल ही में भारत के पास इस महामारी से लड़ने के लिए एक और वैक्सीन पहुंची है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी भी इस लड़ाई में भारत का हथियार बन चुकी है. ऐसे में स्पूतनिक का एक और नया वर्जन लॉन्च किया गया है. बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन 80 फीसदी तक वायरस पर प्रभावी है. इस वैक्सीन का एक शॉट दो शॉट वाली वैक्सीन से काफी ज्यादा असरदार है. एक बयान के मुताबिक दो-शॉट वाली स्पूतनिक-वी वैक्सीन की तुलना में सिंगल डोज वाली स्पूतनिक लाइट ज्यादा प्रभावी है. जिसमें स्पूतनिक-वी 91.6 प्रतिशत तक प्रभावी है जबकि स्पूतनिक लाइट की सिंगल डोज 79.4 प्रतिशत तक प्रभावी है. माना जा रहा है कि वैक्सीन के इस वर्जन से दोगुनी दर से वैक्सीनेशन को पूरा किया जा सकेगा. हालांकि स्पूतनिक-वी मुख्य टीका है लेकिन स्पूतनिक लाइट की अपनी विशेषताएं हैं. स्पूतनिक लाइट के टीकाकरण के बाद कोई गंभीर घटना दर्ज नहीं की गई.क्लिक करें- कोरोना की लहर तेज, वैक्सीनेशन धीमा...देश के अधिकतर जिलों में 10% आबादी को ही लगी वैक्सीन बताया जा रहा है कि 5 दिसंबर 2020 से 15 अप्रैल 2021 के बीच रूस में चले व्यापक टीकाकरण अभियान में इस वैक्सीन को दिया गया. जिसके 28 दिन बाद वैक्सीनेशन का डाटा लिया गया था. जानकारी के मुताबिक 60 देशों में रूस की वैक्सीन को इस्तेमाल करने की मंजूरी भी दी जा चुकी है. बता दें कि 5 मई 2021 तक, दुनियाभर के लोगों ने स्पूतनिक-वी का अपना पहला डोज लिया है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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