कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद पॉजिटिव हुए 2 स्वास्थ्यकर्मी, महाराष्ट्र का मामला
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महाराष्ट्र के जालना में सरकारी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना की चपेट में आए हैं, हालांकि अभी उन्हें कोरोना के काफी कम लक्षण हैं.
देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम मिशन मोड में जारी है. अभी तक ढाई करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज़ लगाई जा चुकी हैं. इस बीच कुछ खबरें चिंताजनक भी आ रही हैं. महाराष्ट्र में दो स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी पॉजिटिव पाए गए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के जालना में सरकारी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कोरोना की चपेट में आए हैं, हालांकि अभी उन्हें कोरोना के काफी कम लक्षण हैं. स्थानीय एडिशनल सर्जन पद्मजा सराफ ने इसको लेकर कहा कि वैक्सीन के बाद करीब 42 दिनों में एंटीबॉडीज डेवलेप होती हैं. इस दौरान हर किसी को मास्क लगाकर रखना चाहिए और हर किसी नियम का पालन करना चाहिए. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इन दिनों कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते दिन ही पूरे राज्य में 14 हजार से अधिक केस दर्ज किए गए, जो इस साल का रिकॉर्ड आंकड़ा है. सिर्फ जालना जिले में ही कुल 204 नए केस दर्ज किए गए हैं. बंगाल में दो सीनियर सिटीजन की मौत महाराष्ट्र से अलग पश्चिम बंगाल में दो सीनियर सीटिजन की मौत हो गई है, दोनों को ही कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई थी. सरकारी अधिकारी के मुताबिक, वैक्सीन की डोज देने के बाद दोनों सीनियर सिटीजन की मौत हुई है, इस मामले की जांच की जा रही है. हालांकि, शुरुआत जांच में ये सामने आया है कि दोनों की मौत दिल की बीमारी के कारण हुई है. लेकिन किसी अंतिम परिणाम तक पहुंचने के लिए पूरी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. ये घटना बंगाल के दार्जिलिंग और धूपगिरी इलाके की है. आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन का फेज टू 1 मार्च से शुरू हुआ था. अब 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले हर व्यक्ति को वैक्सीन दी जा रही है. अभी तक ढाई करोड़ के करीब वैक्सीन लगाई जा चुकी है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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