'कोरोना वायरस की तरह है एंटी-नेशनल नैरेटिव, इसे खत्म करना होगा...' बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को राष्ट्र-विरोधी नैरेटिव को कोविड वायरस बताया. उन्होंने कहा, इसे बेअसर करना होगा. वे कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा 'वसुधैव कुटुंबकम: श्रीमद्भगवद्गीता एवं वैश्विक एकता' विषय पर आयोजित 8वें तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एंटी-नेशनल नैरेटिव को कोरोना वायरस की तरह बताया है. धनखड़ ने कहा कि हम में से कुछ सुनियोजित तरीके से या नासमझी की वजह से एंटी-नेशनल नैरेटिव को बढ़ाने में आनंद लेते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, आप इसका विरोध कीजिए. यह एक कोविड वायरस की तरह है, जिसे बेअसर करना होगा.
उपराष्ट्रपति धनखड़ रविवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. धनखड़ का कहना था कि कुछ लोग देश-विरोधी बातें फैलाने में आनंद लेते हैं. लोगों को उनका विरोध करना चाहिए क्योंकि यह कोविड वायरस की तरह है. इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी भी मौजूद थे.
'भाईचारे के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर'
उपराष्ट्रपति ने कहा, गीता का दर्शन भारतीय सभ्यता, इसकी संस्कृति का आधार है और वर्तमान समय में निष्पक्षता, पारदर्शिता, समानता और सार्वभौमिक भाईचारे के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर देने के साथ भारत के शासन की आत्मा है. उन्होंने कहा कि आज भारत विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है.
'हम वैश्विक स्थिरता के लिख खड़े'
उन्होंने कहा, हम एक विश्व शक्ति हैं. हम शांति के लिए खड़े हैं. हम वैश्विक स्थिरता के लिए खड़े हैं. हम 2047 में अपने भारत को चरम पर ले जाना चाहते हैं, जब हम अपनी आजादी के शताब्दी समारोह में होंगे.
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