कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोगों में बढ़ा इन 20 बीमारियों का खतरा! डायबिटीज भी है शामिल
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कोरोना से रिकवरी के बाद भी शरीर महीनों तक कुछ लक्षणों का अनुभव करता है, उसे लॉन्ग कोविड कहते हैं. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से ठीक हुए मरीजों को 1 साल के अंदर 20 कार्डियो वैस्कुलर डिसीज के साथ कुछ अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है. वे कौन सी बीमारियां हैं, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.
देश में एक बार फिर कोविड -19 के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसने स्वास्थ विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 1247 नए कोरोनावायरस संक्रमण के केस सामने आए हैं. एक्सपर्ट कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए उचित सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. पिछले लगभग 2 सालों से लगातार COVID-19 के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जिसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं. हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जिस किसी को भी पिछले एक साल में कोविड हुआ था, उसे कुछ घातक स्वास्थ जोखिम या साइड इफेक्ट का खतरा हो सकता है. इन साइड इफेक्ट में कुछ गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं. जिनमें से टाइप-2 डायबिटीज भी एक है.
क्या कहती है रिसर्च
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद रिकवर हुए लोगों मेें लंबे समय तक कुछ लक्षण देखे गए, जिसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है. कुछ समय पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण लोगों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए लेकिन एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों को पिछले साल कोविड हुआ था, उन्हें अगले 12 महीनों में कुछ गंभीर स्वास्थ समस्याओं का जोखिम हो सकता है. यहां तक कि जो लोग कोविड के कारण हॉस्पिटल में भी एडमिट नहीं हुए थे, उन लोगों में भी यह जोखिम देखा जा सकता है.
नेचर मेडिसिन में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, कोरोना का लॉन्ग टर्म लक्षण हार्ट और वेस्कुलर सिस्टम में देखे जा सकते हैं. इनमें कार्डियक अरेस्ट, हृदय गति रुकना, स्ट्रोक, अनियमित हृदय रिदम, रक्त के थक्के जमना, ब्लड वेसिल्स डिसीज और सूजन संबंधित विकार शामिल हैं.
साथ ही कोविड से ठीक हुए लोगों में खून के थक्के की समस्या देखी गई थी, जिसका समय पर इलाज न करने से मौत भी हो सकती है. धमनियों या नसों में बनने वाला रक्त का थक्का काफी गंभीर हो सकता है, खासकर, अगर वह फेफड़ों या हार्ट जैसे अंगों में चला जाता है, तो.
1.1 करोड़ लोगों पर हुई रिसर्च
कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.
अजरबैजान एयरलाइंस का एम्ब्रेयर E190AR विमान बाकू से रूस के चेचन्या जा रहा था. विमान में 67 लोग सवार थे, जिनमें से 42 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 25 लोग बचने में सफल रहे. स्थानीय अधिकारियों और घटनास्थल से प्राप्त वीडियो के मुताबिक, कैस्पियन सागर तट पर कजाकिस्तान के अक्तौ शहर के पास हुए विमान हादसे में पहले बचावकर्मियों की तत्परता से कई लोगों को बचा लिया गया.