कोरोना की चौथी लहर पर क्या बोले IIT प्रोफेसर? दो बार की है सटीक भविष्यवाणी
AajTak
कोरोना को लेकर पिछले दो साल से सटीक भविष्यवाणी करने वाले कानपुर IIT के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल के दावे ने बड़ी राहत दी है. अग्रवाल गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं.
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने एक बार फिर टेंशन बढ़ा दी है. ऐसे में कोरोना की चौथी लहर की आशंका जताई जाने लगी है. हालांकि, कोरोना की लेकर पिछले दो साल से सटीक भविष्यवाणी करने वाले कानपुर IIT के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल के दावे ने बड़ी राहत दी है.
अग्रवाल गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं. उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा कि कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना कम है. क्योंकि अब तक कोई नया म्यूटेंट नहीं आया है. उन्होंने ये भी कहा कि अब लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) 90% तक बन गई है. लेकिन अगर लापरवाही बरती तो ये म्यूटेंट फिर से अपना असर दिखा सकते हैं.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते मामलों पर डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि हाल ही में प्रतिबंधों में ढिलाई के कारण केसों की संख्या बढ़ी है. स्कूल खुल गए हैं. लोगों ने मास्क का उपयोग करना बंद कर दिया है. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. वर्तमान वैरिएंट को देखते हुए इम्युनिटी ज्यादा मजबूत है. वातावरण में कोरोना के जो पुराने म्यूटेंट हैं, वही अपना असर दिखा रहे हैं। पुराने म्यूटेंट खत्म नहीं हुए हैं.
दिल्ली एनसीआर समेत कई इलाकों में पाबंदियां
प्रो. अग्रवाल का कहना है कि स्टडी से पता चला है कि मामूली प्रतिबंधों के साथ मामले कम हुए हैं तो निश्चित रूप से यूपी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का कोविड के मामलों को कम करने में अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
वर्तमान टीके की क्षमता पर
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.