'कोई सपना भी बो जाए तो कच्छ उसे वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है', भुज में बोले PM मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भुज में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि यहां की जमीन ऐसी है कि जो एक बार यहां आ गया, वो इसे भूल नहीं पाता. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कहते थे कि कच्छ कभी खड़ा नहीं हो पाएगा. लेकिन कच्छ ने इसे गलत साबित कर दिखाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है. पीएम मोदी ने रविवार को भुज में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि यहां की जमीन ऐसी है कि जो एक बार यहां आ गया, वो इसे भूल नहीं पाता. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कहते थे कि कच्छ कभी खड़ा नहीं हो पाएगा. लेकिन कच्छ ने इसे गलत साबित कर दिखाया. उन्होंने कहा कि रास्ते चलते भी कोई व्यक्ति सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उस सपने को वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब भूकंप आया था, तब मैं दिल्ली में था. भूकंप का एहसास दिल्ली में भी हुआ था, और कुछ ही घंटों में मैं दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा और दूसरे दिन मैं कच्छ पहुंच गया. पीएम ने कहा कि मैं पूरा दिन चौबारी में रहा था, फिर शाम को तिरंबू गांव चला गया था. मेरे साथ मेरे कैबिनेट के सारे सदस्य गुजरात में जहां-जहां भूकंप की आपदा आई थी, वहां पर दिवाली के दिन सभी के दुख में शरीक हुए थे. मुश्किल भरे उन दिनों में मैंने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा था कि हम आपदा को अवसर में बदल के रहेंगे. मैंने यह भी कहा था आपको जो दिखता है. उस रण में मुझे भारत का तोरण दिखता है.
कच्छ की धरती से मेरा बहुत लंबा नाता रहा है. अनगिनत नाम हैं जो मेरे सामने उभर कर कर आते हैं. उन्होंने कहा कि आज जब मैं लाल किले से कहता हूं कि भारत 2047 डेवलप कंट्री बनेगा, जिन्होंने मुझे कच्छ में सुना है, देखा है कि भूकंप के उस कालखंड में विपरीत परिस्थिति में मैंने जो कहा था और आज आपकी आंखों के सामने है. इसीलिए कहता हूं कि आज हिंदुस्तान में आपको बहुत कुछ कमियां नजर आती होंगी. मैं आज 2047 का सपना देख रहा हूं कि जैसा मैंने 2001-2002 में देखा था.
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