केजरीवाल बोले- 14 अगस्त को तिरंगा लेकर राष्ट्रगान गाएं, बीजेपी ने कहा- उस दिन बॉर्डर पार होती है आजादी
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोगों से 14 अगस्त को तिरंगा के साथ राष्ट्रगान गाने की अपील अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गई है. बीजेपी ने केजरीवाल की इस अपील पर पलटवार करते हुए कहा है कि 14 अगस्त को तो बॉर्डर पार (पाकिस्तान में) आजादी होती है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच एक बार फिर सियासी जंग छिड़ गई है. इस बार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बना है 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर लोगों से स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या यानी 14 अगस्त को शाम 5 बजे हाथ में तिरंगा लेकर राष्ट्रगान गाने की अपील की है. इसी के साथ उन्होंने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार लोगों के बीच में 25 लाख तिरंगे बांटेगी और सरकारी स्कूल के बच्चों को तिरंगा दिया जाएगा, लेकिन अब बीजेपी ने इस पर पलटवार किया है, और बोला है कि 14 अगस्त को बॉर्डर पार (पाकिस्तान में) में आजादी होती है.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो जारी कर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है. कपिल मिश्रा ने कहा- केजरीवाल का 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस उत्सव मनाने का फैसला देश के विभाजन की जो विभीषका है, उसको अनदेखा करना है. ये जानबूझकर 15 अगस्त और आजादी के अमृत महोत्सव का अपमान करने की कोशिश करने वाला कदम है. अगर उनसे (केजरीवाल) ये गलती से हुआ है, तो उन्हें ये फैसला वापस लेना चाहिए. क्योंकि 14 अगस्त पाकिस्तान का स्वाधीनता दिवस है. उस दिन पाकिस्तान का निर्माण हुआ है. हमारे लिए वह दुख और दर्द का दिन है. उस दिन करोड़ों हिंदुओं की हत्या हुई है. आप उसी दिन उत्सव मनाना चाहते हैं और चाहते हैं कि लोग 15 अगस्त जैसा जश्न मनाएं.
सुनिए @ArvindKejriwal जी 14 अगस्त को आज़ादी का दिन बॉर्डर के इस पार नहीं बॉर्डर के उस पार होता हैं दिल्ली में स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाएगा , आपको पाकिस्तान का जश्न मनाना है तो उधर जाकर मनाइए pic.twitter.com/rjldjbckR6
बीजेपी के नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी अरविंद केजरीवाल के इस कदम पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा- अरविंद केजरीवाल अच्छे से जानते हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त को मिली, लेकिन हम अच्छे से जानते हैं कि वो 14 अगस्त को इसे क्यों मनाना चाहते हैं.
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