
कुरान जलाए जाने पर यूएन में एकजुट हुए मुस्लिम देश तो जर्मनी-फ्रांस ने दिए तीखे जवाब
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स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को लेकर मुस्लिम देशों का गुस्सा अभी तक कम नहीं हुआ है. मंगलवार को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कुरान जलाने की घटना के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आया जिस पर बहस के दौरान इस्लामिक और पश्चिमी देश आमने-सामने दिखे.
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कुरान जलाने के मामले को लेकर पाकिस्तान ने एक प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पर बहस के दौरान इस्लामिक देश और पश्चिमी देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर आमने-सामने आ गए. ईरान, पाकिस्तान, सऊदी अरब सहित कई मुस्लिम देशों ने कहा कि यह घटना धार्मिक नफरत को बढ़ाने का काम करती है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. वहीं, पश्चिमी देशों ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब कभी-कभी असहनीय विचारों को सहना भी होता है.
प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुस्लिम देशों ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को इस्लामोफोबिया से प्रेरित कृत्य करार देते हुए जवाबदेही तय करने की मांग की.
पिछले महीने स्वीडन की स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने एक शख्स ने लोगों की मौजूदगी में कुरान की एक प्रति को पैरों से कुचलकर उसे आग के हवाले कर दिया था. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद से ही मुस्लिम देश भड़के हुए हैं.
प्रस्ताव पेश कर पाकिस्तान ने UNHRC से की ये मांग
इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब सहित कई मुस्लिम देशों ने स्वीडन के राजदूतों को तलब कर उनसे अपना विरोध जताया था. पाकिस्तान ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताया था और मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान ने एक प्रस्ताव पेश यूएन मानवाधिकार परिषद से मांग की कि इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट पेश की जाए.
प्रस्ताव में देशों से अपने कानूनों की समीक्षा करने और उन कमियों को दूर करने का आह्वान किया गया जो धार्मिक नफरत फैलाने वालों को रोकने मे मुश्किलें पैदा करती हैं.

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