कुपवाड़ाः सेना-पुलिस के बीच झड़प, 3 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 लोगों पर हत्या के प्रयास में FIR दर्ज
AajTak
एफआईआर के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल के नेतृत्व में सशस्त्र समूह ने जबरन पुलिस स्टेशन के परिसर में प्रवेश किया. उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर बिना उकसावे के राइफल की बट और डंडों से हमला किया और लात-घूंसों से हमला किया.
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पुलिस स्टेशन में सेना और पुलिस के बीच मारपीट के आरोप में 3 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 लोगों पर हत्या के प्रयास और डकैती का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि ये घटना 28 मई की रात को हुई थी.
ये घटना एक कथित ड्रग मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान से पूछताछ के बाद हुई. इस घटना का वीडियो भी सामने आया था. इसके दिखाई दे रहा था कि 160 टेरिटोरियल आर्मी के सशस्त्र और वर्दीधारी जवानों ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था.
एफआईआर के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल के नेतृत्व में सशस्त्र समूह ने जबरन पुलिस स्टेशन के परिसर में प्रवेश किया. उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर बिना उकसावे के राइफल की बट और डंडों से हमला किया और लात-घूंसों से हमला किया.
FIR में कहा गया है कि हालात तब और ज्यादा बिगड़ गए, जब सेना के जवानों ने अपने हथियार लहराए, घायल पुलिस अधिकारियों से मोबाइल फोन छीन लिए और घटनास्थल से भागने से पहले एक पुलिस कांस्टेबल का अपहरण भी कर लिया.
जानकारी के मुताबिक IPC की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है, जिसमें 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में सरकारी कर्मचारी को बाधा पहुंचाना), 332 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य से विरत करने के लिए चोट पहुंचाना), 307 (हत्या का प्रयास), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 147 (दंगा करने की सजा) शामिल हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.