किसी ने रेड सिग्नल दिखाया, किसी ने तल्ख तेवर... ममता की 'ना' के बाद INDIA BLOC में हलचल
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पश्चिम बंगाल में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि वो आम चुनाव अकेले लड़ेंगी. यानी कांग्रेस या लेफ्ट के साथ सीट शेयरिंग नहीं करेंगी. ममता पहले से ही लेफ्ट को लेकर नाराजगी जता चुकी हैं. अब कांग्रेस को लेकर भी उन्होंने अलग लाइन खींच दी है. ऐसे में विपक्षी दलों के गठबंधन में टेंशन बढ़ गई है. बंगाल की तरह पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार में भी सीट शेयरिंग पर पेंच फंसा है और गठबंधन की गांठ उलझती जा रही है.
विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक में आम चुनाव से पहले ही दरार पड़ गई है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने खुलकर 'एकला चलो' का ऐलान कर दिया है तो पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के तेवरों में तल्खी कम नहीं हुई है. उधर में बिहार में जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के बयानों से गठबंधन की सियासत पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो अपनी शर्तों पर ही गठबंधन में आगे बढ़ेंगे. इन राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर विवाद है और क्षेत्रीय दलों के निशाने पर कांग्रेस है. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि बातचीत के जरिए मसले का सुलझा लिया जाएगा. फिलहाल, अलायंस की चौथी बैठक के एक महीने बाद भी फॉर्मूले पर सुलह नहीं बन सकी है.
हालात यह हैं कि एक को मनाओ तो दूसरा दल या नेता रूठ जा रहा है. गठबंधन की गांठ सुलझने की बजाय उलझती जा रही है. अलायंस में कुल 28 पार्टियां हैं. पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी के बाद बुधवार को ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया कि वो आगामी आम चुनाव अकेले लड़ेंगी. यानी राज्य की सभी 42 सीटों पर टीएमसी अपने उम्मीदवार उतारेगी. बंगाल में अलायंस के सहयोगियों में कांग्रेस, टीएमसी और सीपीएम शामिल हैं. ममता का कहना था कि कांग्रेस ने सीट शेयरिंग का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. ममता बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं हैं. कांग्रेस 10 से 12 सीटें मांग रही है. कांग्रेस, लेफ्ट को साथ रखना चाहती है, जबकि ममता तैयार नहीं हैं. ममता के इस बयान के बाद गठबंधन की सियासत भी गरमा गई है.
'पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में AAP'
ऐसे ही कुछ हालात पंजाब में बन रहे हैं. वहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में अलायंस में आकर चुनाव लड़ा जाए. दोनों दल अपने संगठन को मजबूत मानकर चल रहे हैं. यही वजह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान कई बार कांग्रेस को निशाने पर ले चुके हैं. यहां तक कि उन्होंने AAP हाईकमान को अकेले चुनाव लड़ने का फॉर्मूला भी दे दिया है. भगवंत मान का कहना है कि आम चुनाव में AAP सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीतकर दिखाएगी. मान ने कहा, पंजाब में हम ऐसा (कांग्रेस के साथ गठबंधन) कुछ भी नहीं करेंगे. हमारा कांग्रेस के साथ कुछ भी नहीं है. फिलहाल, दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत चल रही है. अंतिम फैसला AAP और कांग्रेस हाईकमान को ही लेना है.
'दिल्ली में भी बड़ा भाई बनना चाहती है AAP'
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