किसी देश का नाम बदलने में कितना खर्च आता है, किस कीमत पर India बदलकर भारत हो सकता है?
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घर के किसी कमरे को नए सिरे बनवाना हो, या फिर डॉक्युमेंट्स पर नाम चेंज करवाना हो, सबके कम-ज्यादा पैसे और समय लगता है. तो पूरे के पूरे देश का नाम बदलने में कितना खर्च आता होगा? इस बात को जांचने का कोई तय फॉर्मूला नहीं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये सैकड़ों से लेकर हजारों करोड़ रुपए तक हो सकता है.
इंडिया बनाम भारत को लेकर घमासान शुरू हो चुका है. इस आग को हवा देने का काम किया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उस निमंत्रण पत्र ने, जो G20 के दौरान आने वाले मेहमानों को भेजा गया था. इसमें सबसे ऊपर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था. अमूमन यहां प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया दिखता है. चर्चा है कि केंद्र सरकार संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाकर केवल भारत रखने का प्रस्ताव ला सकती है. इस बीच ये बात भी हो रही है कि नाम बदलने में देश को कितने पैसे खर्च करने होंगे.
नाम बदलने पर क्या बदलता है
दुनिया में 190 से ज्यादा देश हैं, जिनमें से कइयों ने किसी न किसी कारण से अपना नाम बदला. कोई गुलामी के दौर को भुलाना चाहता था, तो कोई इसे कल्चर से जोड़ रहा था. यानी भारत अगर ऐसा चाहे तो इतिहास में वो पहला नहीं होगा, लेकिन सवाल ये है कि नाम बदलने पर अकेला बोलचाल का नाम नहीं बदलेगा, बल्कि कागजों, वेबसाइटों, आर्मी की यूनिफॉर्म, और यहां तक कि लाइसेंस प्लेट में भी चेंज दिखेगा. ये सब काफी खर्चीला हो सकता है.
कैसे लगा सकते हैं खर्च का अनुमान जैसा कि हम पहले कह चुके, इस बात का कोई फिक्स्ड फॉर्मूला नहीं है. ये इस तरह से नहीं है कि कोई अपने घर की नेमप्लेट पर लिखी टाइल हटाकर नई टाइल जोड़ना चाहे. देश के आकार और उसके डॉक्युमेंटेशन पर काफी कुछ तय रहता है. दक्षिण अफ्रीका के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉयर डैरेन ऑलिवियर इसपर लंबे समय से काम कर रहे हैं. वे अफ्रीकी देशों में नाम बदलने की स्टडी के आधार पर कई बातें कहते हैं.
उन्होंने साल 2018 में साउथ अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड का नाम बदले जाने पर लंबी स्टडी की थी. उसका नाम इस्वातिनी किया जाने में लगभग 5 सौ करोड़ का खर्च आया था, जिसकी गणना इस शख्स ने पहले ही कर डाली थी.
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