कातिलों का ऑडिशन, वॉयस टेस्ट और खौफनाक साजिश... गाजियाबाद के कारोबारी की हत्या का दहलाने वाला सीक्रेट
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गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय इस रोज़ काम के सिलसिले में घर से बाहर निकले, लेकिन फिर लौट कर नहीं आए. घरवालों ने पहले उनका इंतज़ार किया, लेकिन जब राकेश लौट कर नहीं आए और उनका मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ हो गया था.
आपने फिल्मों के लिए कलाकारों का ऑडिशन या फिर स्क्रीन टेस्ट लिए जाने की बात तो सुनी होगी, लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि कहीं क़त्ल के लिए क़ातिलों का ऑडिशन लिया गया, तो इसे आप क्या कहेंगे? ये यकीनन एक अजीब और हैरान करने वाली कहानी है. दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद में एक क़त्ल के लिए जो साज़िश रची गई, उसमें बाकायदा क़ातिलों का ऑडिशन लिया गया. उनकी आवाज़ रिकॉर्ड की गई. और जिस क़त्ल के लिए ऐसे हथकंडे अपनाए जाएं, वो साजिश कैसी होगी, ये समझना मुश्किल नहीं है.
आवाज़ नंबर - 1 हैलो... मेरी बात ध्यान से सुनो. राकेश हमारे में क़ब्ज़े में है. अगर उसकी सलामती चाहते हो रुपयों का इंतज़ाम कर लो.
आवाज़ नंबर - 2 हैलो... हमने राकेश को उठा लिया है. रुपयों का इंतजा़म कर लो, वरना बुरी खबर के लिए तैयार रहो.
आवाज़ नंबर - 3 हैलो... राकेश हमारे पास है, चुपचाप रुपयों का इंतजाम कर लो, अगर कोई चालाकी दिखाई तो राकेश घर नहीं लौटेगा.
ये शायद इस दुनिया का पहले ऐसा क़त्ल होगा, जिसमें मास्टरमाइंड ने क़त्ल की वारदात को अंजाम देने से पहले बाकायदा अपने गुर्गों का ऑडिशन लिया. या फिर यूं कहें कि उनका वॉयस टेस्ट करवाया और उन्हें उनकी काबिलियित के हिसाब से काम सौंपा. गुर्गों ने कुछ इसी अंदाज़ में अपने आका के उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश की और फिर मास्टरमाइंड ने एक शख्स के मौत के परवाने पर दस्तख़त कर डाला. दिमाग़ घुमा देने वाली क़त्ल की इस साजिश को सिलसिलेवार तरीके से समझने के लिए पूरे मामले को शुरू से जानना होगा.
20 फरवरी 2024, इंदिरापुरम, गाजियाबाद गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय इस रोज़ काम के सिलसिले में घर से बाहर निकले, लेकिन फिर लौट कर नहीं आए. घरवालों ने पहले उनका इंतज़ार किया, लेकिन जब राकेश लौट कर नहीं आए और उनका मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ हो गया, तो उन्होंने राकेश के दोस्त और उनके साथ पार्टनरशिप में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले राजू उपाध्याय को कॉन्टैक्ट किया. अब चूंकि राजू का राकेश के साथ रोज का उठना बैठना था, तो राकेश की इस रहस्यमयी गुमशुदगी से राजू भी हैरान हो गया. और उसने घरवालों के साथ मिलकर राकेश को ढूंढने की कोशिश शुरू कर दी. राजू ने बताया कि उसने कई बार राकेश को कॉल किया, लेकिन उसका फोन नॉट रिचेबल आ रहा था. अब राकेश के घरवालों के साथ मिलकर राजू ने अपने दोस्त राकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी.
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