कहां बुलडोजर चलेगा, कहां होगी रोक? सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 21 बड़ी बातें
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बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि आरोपी या दोषी का घर नहीं गिराया जा सकता है, यह किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है. मनमाना रवैया बर्दाश्त नही किया जाएगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. बगैर सुनवाई आरोपी को दोषी नहीं करार नहीं दिया जा सकता है." जस्टिस गवई ने फैसला सुनाते हुए कहा, "अपना घर पाने की चाहत हर दिल में होती है. हिंदी के मशहूर कवि प्रदीप ने इसे इस तरह से वर्णित किया है. घर सुरक्षा परिवार की सामूहिक उम्मीद है. क्या कार्यपालिका को किसी आरोपी व्यक्ति के परिवार की सुरक्षा छीनने की अनुमति दी जा सकती है, यह हमारे सामने एक सवाल है."
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले का दायरा सीमित है, मुद्दा यह है कि क्या किसी अपराध के आरोपी या दोषी होने पर संपत्ति को ध्वस्त किया जा सकता है. एक घर केवल एक संपत्ति नहीं है, बल्कि सुरक्षा के लिए परिवार की सामूहिक उम्मीद का प्रतीक है.
क्या हो सकता है क्या नहीं?
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "नागरिकों के मन में डर को दूर करने के लिए हमें अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी करना जरूरी लगता है. हमारा मानना है कि जहां भी ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया है, वहां भी नोटिस को चुनौती देने के लिए लोगों को वक्त दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही वैकल्पिक आश्रय की व्यवस्था भी की जानी चाहिए."