कश्मीर के लिए अमित शाह ने बनाया सॉलिड प्लान, बोले- घाटी में आतंकवाद को फिर पनपने से रोकें
AajTak
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को 'जम्मू क्षेत्र में उभरते आतंकवाद को करारा जवाब देने और किसी भी कीमत पर इसे फिर से पनपने से रोकने' का निर्देश दिया. साथ ही अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा कवर पर भी जोर दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इसमें अमरनाथ की आगामी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और 'हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति' की समीक्षा की गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने एजेंसियों को जम्मू में एरिया डॉमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान के माध्यम से कश्मीर घाटी में हासिल की गई सफलताओं को दोहराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इनोवेटिव तरीकों से आतंकियों पर कार्रवाई कर एक मिसाल बनाने के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है.
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
गृह मंत्री ने सभी एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर बल दिया. अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय पर जोर देते हुए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और उनकी सुरक्षा पर ध्यान देने के निर्देश दिए.
नई दिल्ली में हुई इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई. साथ ही अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा कवर, यात्रा मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था, राजमार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने, जम्मू-कश्मीर में सभी तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों पर चौकसी बरतने का भी आह्वान किया गया. गृह मंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, एलजी मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, ले. जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सीएस डुलू, डीजीपी स्वैन, एडीजीपी विजय कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.