कनाडा के PM ट्रूडो ने अब स्वस्तिक के खिलाफ उगला जहर! हिंदुओं के इस चिह्न को लेकर साजिश क्यों?
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लगातार कुछ न कुछ ऐसा बोल रहे हैं, जो भारत के खिलाफ जाता हो. हाल में उन्होंने स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला कह दिया. इसपर बैन के लिए विधेयक भी लाया जा चुका. इससे पहले ट्रूडो उन लोगों के पक्ष में बात कर चुके हैं, जिन्हें भारत ने खालिस्तानी आतंकी करार दिया था.
जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर चर्चा में हैं. ताजा विवाद 'स्वस्तिक' पर है. सोशल प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर उन्होंने कह दिया कि ऐसे नफरत बढ़ाने वाले प्रतीक को वे संसद में दिखाने की इजाजत नहीं दे सकते. करोड़ों हिंदुओं की आस्था के चिह्न पर कनाडा की सरकार बैन लगाने की फिराक में है.
इस बारे में एक विधेयक तक लाया जा चुका, जो फिलहाल अटका हुआ है. लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि स्वस्तिक का तो नफरत से कोई लेना-देना ही नहीं है, फिर भी पश्चिम देश उसे बार-बार इससे जोड़ते रहे.
माना गया हेटफुल सिम्बॉल
साल 2022 में कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने हेटफुल सिम्बॉल्स पर एक विधेयक लाने की कोशिश की, यानी नफरत फैलाने वाले प्रतीक. इस लिस्ट में कई ऐसे प्रतीक थे, जिन्हें मानने वालों ने मासूम लोगों पर हिंसा की. जैसे अमेरिका और यूरोप में एक समय पर सक्रिय कू-क्लक्स-क्लान ग्रुप. ये अश्वेतों से मारपीट करता था. यूरोप के इल्युमिनाती ग्रुप के संकेत को भी इसमें शामिल किया गया. माना गया कि इसे मानने वाले लोग आत्महत्या को बढ़ावा देते हैं.
नफरत फैलाने वाले चिह्नों में स्वस्तिक को भी रखा गया. कहा गया कि इसकी वजह से 8 लाख से ज्यादा यहूदियों की जान गई. हालांकि स्वस्तिक का यहूदियों की मौत से कोई लेना-देना नहीं. यहूदियों की हत्या की जिम्मेदार नाजी पार्टी थी, जिसका चिह्न स्वस्तिक से कुछ हद तक मिलता-जुलता है.
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