'ओवरकॉन्फिडेंट BJP कार्यकर्ताओं के लिए रियलिटी चेक है ये चुनावी नतीजे', RSS के मुखपत्र में तीखी टिप्पणी
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आरएसएस के सदस्य रतन शारदा ने इस आलेख में कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के अतिउत्साही कार्यकर्ताओं और कई नेताओं के लिए रियलिटी चेक की तरह आए हैं. इन्हें अहसास ही नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का नारा उनके लिए लक्ष्य और विपक्ष के लिए चुनौती था.
लोकसभा चुनावों के नतीजों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीखी टिप्पणी सामने आई है. आरएसएस ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के ये नतीजे बीजेपी के अतिउत्साहित कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए रियलिटी चेक है, जो अपनी ही दुनिया में मग्न थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की चकाचौंध में डूबे हुए थे. इस तरह इन तक आमजन की आवाज नहीं पहुंच पा रही थी.
आरएसएस ने अपने माउथपीस Organiser के ताजा अंक में ये टिप्पणी की है. माउथपीस के लेख में कहा गया है कि आरएसएस, बीजेपी की 'फील्ड फोर्स' नहीं है. लेकिन बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनाव में सहयोग के लिए स्वयंसेवकों से संपर्क भी नहीं किया. इन चुनावी नतीजों से स्पष्ट है कि ऐसे अनुभवी स्वयंसेवकों को भी नजरअंदाज किया गया, जिन्होंने सोशल मीडिया के इस दौर में फेम की लालसा के बिना अथक परिश्रम किया है.
आरएसएस के सदस्य रतन शारदा ने इस आलेख में कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के अतिउत्साही कार्यकर्ताओं और कई नेताओं के लिए रियलिटी चेक की तरह आए हैं. इन्हें अहसास ही नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का नारा उनके लिए लक्ष्य और विपक्ष के लिए चुनौती थी.
इस चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से कम हैं लेकिन एनडीए 293 सीटों के साथ बहुमत हासिल करने में कामयाब रहा. कांग्रेस को चुनाव में 99 सीटें मिली जबकि इंडिया ब्लॉक के हिस्से 234 सीटें आईं. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले दो निर्दलीयों ने कांग्रेस को समर्थन दिया, जिसके बाद इंडिया ब्लॉक की संख्या बढ़कर 236 हो गई.
शारदा ने लिखा कि चुनावी मैदान में मेहनत से लक्ष्यों को हासिल किया जाता है ना कि सोशल मीडिया पर पोस्टर या सेल्फी शेयर करके. इस वजह से ये अपनी ही दुनिया में मग्न थे, प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के दम पर खुशी मना रहे थे. ऐसे में इन्होंने आमजन की आवाज नहीं सुनी.
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