
ओलंपिक में भारत ने रचा इतिहास तो पाकिस्तान में इमरान खान पर क्यों फूटा लोगों का गुस्सा?
AajTak
भारत ने इस बार ओलंपिक में इतिहास रचा है और अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) इससे कुछ खफा नज़र आ रहा है.
टोक्यो ओलंपिक 2020 खत्म हो गया है और भारत के सभी चैम्पियन अपने घर लौट आए हैं. भारत ने इस बार ओलंपिक में इतिहास रचा है और अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) के लोग इससे कुछ खफा नज़र आ रहे हैं. पाकिस्तान के लोग अपने मुल्क के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से सवाल कर रहे हैं कि वो खुद ही खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन इस बार पाकिस्तान की झोली खाली कैसे रह गई. दरअसल, ओलंपिक (Olympics) खत्म होने के बाद अब जब खिलाड़ी अपने-अपने घर लौट रहे हैं, तब पाकिस्तान में स्थानीय लोग अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि उनके मुल्क को ओलंपिक का मेडल मिले लंबा वक्त हो गया है, ऐसे में सरकारें क्या कर रही हैं. बता दें कि भारत के नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो के जिस फाइनल में गोल्ड जीता, उसी में पाकिस्तान के अरशद नदीम टॉप 3 में जगह नहीं बना पाए थे. हालांकि, वो फाइनल का हिस्सा ज़रूर थे. जब पाकिस्तान में सरकार से सवाल पूछना शुरू हुआ तो इमरान खान भी सामने आए, उन्होंने एक बयान में कहा है कि वह खेल को लेकर ज्यादा वक्त नहीं दे सके. एक नई बहस ये भी छिड़ी है कि नीरज चोपड़ा के मुकाबले अरशद नदीम को कैसी ट्रेनिंग मिल पाई थी. जानकारी के मुताबिक, अरशद ओलंपिक से पहले ईरान गए और पंजाब में भी उन्होंने ट्रेनिंग की. जबकि नीरज चोपड़ा स्वीडन में ही ट्रेनिंग कर रहे थे. पाक में भी नीरज चोपड़ा हीरो..लोगों ने इमरान खान से पूछा- हम क्यों जीरो! #ATVideo #TokyoOlympics #Pakistan@shwetajhaanchor pic.twitter.com/vpFOxsmdF7
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.