ओबीसी बिल आने के बाद कितना आसान होगा मराठा और जाट समुदाय को आरक्षण देना? समझिए
AajTak
ओबीसी संसोधन बिल संसद से पास होते ही राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपनी जरूरतों के हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगे. ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और हरियाणा में जाट समुदाय के आरक्षण का रास्ता आसान हो गया है, लेकिन इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है.
मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में जातियों को शामिल करने की शक्ति राज्यों को देने वाला संविधान संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया है, जिसके पक्ष में विपक्षी भी हैं. संसद के दोनों सदनों से आसानी से पास होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपनी जरूरतों के हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगे. ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और हरियाणा में जाट समुदाय के आरक्षण का रास्ता आसान हो गया है, लेकिन इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा 50 फीसदी आरक्षण की सीमा है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.