
ऑस्ट्रेलिया में फिर खालिस्तान समर्थकों की गुंडागर्दी, तिरंगा लहरा रहे स्टूडेंट्स पर किया हमला, VIDEO
AajTak
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एक बार फिर खालिस्तानी समर्थकों की गुंडागर्दी देखने को मिली है. खालिस्तानी समर्थकों ने इस बार तिरंगा झंडा लिए स्टूडेंट्स और लोगों पर हमला बोला है. इस घटना में पांच लोग घायल हो गए हैं. इससे पहले खालिस्तानी समर्थकों ने मेलबर्न में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है.
ऑस्ट्रेलिया में लगातार खालिस्तानी समर्थकों की गुंडागर्दी देखने को मिल रही है. रविवार को एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें खालिस्तानी समर्थक अचानक आते हैं और तिरंगा झंडा लिए स्टूडेंट और कुछ लोगों को खदेड़ रहे हैं और हमला कर रहे हैं. खालिस्तान समर्थक अपना खुद का झंडा हाथ में लिए हैं. मौके पर ऑस्ट्रेलिया की पुलिस भी खड़ी है और हंगामा शांत कराने की कोशिश कर रही है. ये पूरी घटना मेलबर्न के फेडरेशन स्क्वायर की है.
हमले में पांच लोग हुए हैं. एक युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. हालांकि, आजतक वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक चौराहे पर तिरंगा झंडा लिए कुछ स्टूडेंट्स खड़े हैं. ये सभी तिरंगा झंडा लहरा रहे हैं. तभी वहां खालिस्तान समर्थकों का दल पहुंचता है और हमला कर देता है. ये लोग तिरंगा झंडा छीनने की कोशिश करते हैं और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करते हैं. हमले के बाद भगदड़ मच जाती है. खालिस्तानी समर्थक नारेबाजी करते हैं.
हिंदू मंदिरों पर भी हमला कर चुके हैं खालिस्तानी समर्थक
इससे पहले भी ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों की गुंडागर्दी देखने को मिली है. ऑस्ट्रेलिया में 15 दिन के अंदर तीन बार हिंदू मंदिर पर हमला हुआ है. मेलबर्न में खालिस्तान समर्थक लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे हैं. पहले 17 जनवरी को मेलबर्न में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हमला किया गया था. मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में हिंदू मंदिर को तोड़ा गया है. मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे हुए हैं.
दीवारों पर भड़काऊ नारेबाजी भी लिख रहे हैं खालिस्तानी समर्थक
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON) मंदिर जिसे हरे कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, मेलबर्न में भक्ति योग आंदोलन का एक प्रसिद्ध केंद्र है. सोमवार की सुबह मंदिर प्रबंधन ने पाया कि मंदिर के साथ तोड़फोड़ की गई और दीवारों पर "खालिस्तान जिंदाबाद", "हिंदुस्तान मुर्दाबाद" जैसे नारे भी लिखे हुए थे.

ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.

यूक्रेन के पड़ोसी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों की सेना में 2.6 मिलियन सैनिक हैं, जबकि अमेरिका के पास 1.3 मिलियन, चीन के पास 2 मिलियन और रूस के पास 1.1 मिलियन सैनिक हैं. यूरोप अगर गिनना जानता है तो उसे खुद पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूरोप वर्तमान में

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन ने इशारों-इशारों में कहा कि कोई भी चुनाव में धांधली कर भले ही जीत जाए, लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसी जीत ज्यादा समय तक टिकती नहीं है. यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संदर्भ में की, जो लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद अगस्त 2024 में जनविरोध प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल हो गई थीं.

मौजूदा ग्लोबल समीकरणों और बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनावों के चलते पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व अब ब्रिटेन के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे पाकिस्तान बीजिंग के साथ अपने संबंधों को और गहरा कर रहा है, उसके पारंपरिक संबंध, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं.

अमेरिका के न्यू जर्सी में एक फेडेक्स कार्गो विमान के इंजन में पक्षी टकराने से आग लग गई. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में उड़ान के दौरान विमान के इंजन से निकलती आग की लपटें साफ दिखाई दे रही हैं. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. देखें...

जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'