
ऑस्ट्रेलिया के समंदर में मिले मलबे का खुला राज, भारतीय स्पेस एजेंसी ने कही ये बात
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जुलाई के मध्य में ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर एक गुंबदनुमा रहस्यमयी वस्तु मिली थी. इसको लेकर कहा जा रहा था कि इस वस्तु का संबंध भारत से है. लेकिन भारतीय स्पेस एजेंसी ने इसे खारिज कर दिया था. वहीं, अब भारत ने इस बात की पुष्टी की है कि यह वस्तु उसके रॉकेट PSLV का पार्ट है.
14 जुलाई को हुई चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के कुछ दिन बाद ही (17 जुलाई) पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट पर एक रहस्यमयी वस्तु मिली थी. कांस्य रंग के इस बड़े गुंबदनामा ऑब्जेक्ट के बारे में कहा जा रहा था कि यह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अभियान चंद्रयान-3 से जुड़ी हो सकती है. हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था.
वहीं, अब भारतीय अंतिरक्ष एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि हाल ही में पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई समुद्री तट पर जो वस्तु मिली है, वह उसके रॉकेट PSLV का पार्ट है. पीएसएलवी इसरो का सबसे भरोसेमंद रॉकेट है. इसकी मदद से इसरो 58 प्रक्षेपण मिशन को अंजाम दे चुका है.
कांस्य रंग का यह गुंबदनुमा ऑब्जेक्ट पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ के उत्तर में लगभग 250 किमी (155 मील) दूर ग्रीन हेड समुद्र तट पर मिला था. इस रहस्यमय वस्तु के मिलने के बाद से ही आम लोगों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के बीच भी यह चर्चा का विषय बन गया था.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रवक्ता सुधीर कुमार ने सोमवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि यह मलबा उसके पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) में से एक है. उन्होंने आगे कहा कि अब यह ऑस्ट्रेलिया पर निर्भर करता है कि वह उस वस्तु के साथ क्या करेगा.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब बुधवार को ही ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (एएसए) ने कहा था कि तट पर मिली वस्तु संभवतः पीएसएलवी का तीसरा चरण है जिसका उपयोग भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करने के लिए करती है.
मलबा कैसे पहुंचा होगा ऑस्ट्रेलिया?

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