एक शहर, चार इलाके और 6 बदमाश... जब गोलियों की आवाज़ से दहल उठा महाराष्ट्र का ये इलाका, पुलिस तलाश रही सुराग
AajTak
पुणे के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छह लोग दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे, जिन्होंने तालेगांव दाभाड़े इलाके के शाला चौक, मारुति चौक और गजानन मंदिर इलाके सहित चार अलग-अलग जगहों पर हवा में गोलियां चलाईं.
Pune Firing Case: महाराष्ट्र के पुणे में दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने आतंक फैलाने के लिए दो अलग-अलग जगहों पर फायरिंग की. जिससे उन इलाकों में अफरा तफरी के हालात पैदा हो गए. लोग इधर से उधर भागने लगे. किसी को पता नहीं चला कि आखिर अचानक फायरिंग किसने की? बाद में आरोपी दो मोटरसाइिकलों पर भागते हुए देखे गए. अब पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
मामला पुणे के पास पिंपरी चिंचवाड़ इलाके का है. जहां तालेगांव दाभाड़े कस्बे में दो मोटरसाइकिलों पर सवार छह बदमाशों ने कथित तौर पर आतंक फैलाने के लिए अलग-अलग जगहों पर हवा में गोलियां चलाईं. पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि यह घटना गुरुवार की रात करीब 8 बजे हुई.
पिंपरी चिंचवाड़ के एक पुलिस अधिकारी ने इस मामले में आगे बताया कि छह लोग दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए थे, जिन्होंने तालेगांव दाभाड़े इलाके के शाला चौक, मारुति चौक और गजानन मंदिर इलाके सहित चार अलग-अलग जगहों पर हवा में गोलियां चलाईं.
पुलिस अफसर ने बताया कि इस मामले में प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अज्ञात आरोपियों ने हवा में गोलियां चलाईं, जिनका मकसद इलाके में आतंक फैलाना था. पुलिस ने उन आपराधिक तत्वों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.