'एक कश्मीरी भाजपा में कैसे शामिल हो सकता है?', बोले गुलाम नबी आजाद
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गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेताओं द्वारा बीजेपी से गठबंधन के कयासों को मूर्खतापूर्ण विचार बताया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक कश्मीरी भाजपा में कैसे शामिल हो सकता है? मुझे घृणा है. कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा, मैं अपने कॉलेज के दिनों से इस पार्टी का हिस्सा रहा हूं. मैं कभी बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा. मैं कश्मीर चुनाव के लिए अपनी पार्टी बनाऊंगा.
कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि उनकी बीजेपी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वे अपनी खुद की पार्टी का गठन करेंगे और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे.
'एक कश्मीरी भाजपा में कैसे शामिल हो सकता है?'
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं द्वारा बीजेपी से गठबंधन के कयासों को गुलाम नबी आजाद ने मूर्खतापूर्ण विचार बताया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक कश्मीरी भाजपा में कैसे शामिल हो सकता है? मुझे घृणा है. कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा, ''मैं अपने कॉलेज के दिनों से इस पार्टी का हिस्सा रहा हूं. मैं कभी बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा. मैं कश्मीर चुनाव के लिए अपनी पार्टी बनाऊंगा."
उन्होंने कांग्रेस के नए नेताओं को चापलूस करार देते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि आजाद ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं का अनुभव राहुल गांधी के लिए कोई मायने नहीं रखता. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को 'भारत जोड़ो' के बजाय 'कांग्रेस जोड़ो' अभियान शुरू करना चाहिए. कांग्रेस को 19 अक्टूबर को एक नया अध्यक्ष मिलेगा. हालांकि, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नया अध्यक्ष केवल गांधी परिवार की कठपुतली होगा.
राहुल पर साधा निशाना
गुलाम नबी आजाद ने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में आजाद ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, राहुल अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया. आजाद ने कहा था, ऐसा लगता है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और पर्सनल स्टाफ ही सारे फैसले ले रहे हैं. दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया. उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया.
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