एकता का संदेश..श्रीनगर में इफ्तार पार्टी-नमाज में शामिल हुए सेना के अफसर-जवान
AajTak
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सेना ने एक कार्यक्रम के दौरान सभी को एकजुटता का संदेश दिया. उनकी तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी में शिरकत की गई और फिर नमाज में भी सेना के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम की तस्वीरें वायरल हो गई हैं.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं के बीच सेना के जवानों ने बड़ी पहल करते हुए स्थानीय लोगों को एकता का संदेश दिया है. इफ्तार में शिरकत की और बाद में उनके साथ नमाज में शामिल होकर भाईचारे की मिसाल भी कायम की. ये सब कुछ हुआ श्रीनगर के ओल्ड एयर फील्ड में जब लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे और उनके साथ दूसरे जवान एक कार्यक्रम में शामिल हुए.
ये मौका हाउस ऑफ टेरर नाम की किताब के विमोचन का था. इस मौके पर दक्षिण से लेकर उत्तर कश्मीर के स्थानीय लोग शामिल हुए थे. इस दौरान चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग की तरफ से जोर देकर कहा गया कि वे घाटी के लोगों का पूरा समर्थन करेंगे और उनकी समस्या को हल करने का प्रयास करेंगे. विमोचन के बाद इफ्तार में भी सेना के जवानों ने स्थानीय लोगों के साथ हिस्सा लिया और फिर नमाज में भी शामिल हुए.
जब इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि सेना की तरफ से खुद ऐसी मुहिम शुरू की गई जहां पर लोगों से आगे आकर बात की गई. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी सेना के जवान ऐसे ही उनके बीच आकर संवाद स्थापित करेंगे.
वैसे जिस किताब का विमोचन कार्यक्रम किया गया, वो कश्मीर की ही एक कहानी बयां करती है. ये अंवर उमर नाम के शख्स की आत्मकथा है. किताब में बताया गया है कि एक शख्स ने कैसे आतंकवादी से लेकर Ikhwan तक का सफर तय किया था. इस किताब में पाकिस्तान की उस साजिश से भी पर्दा उठाया गया है जहां पर युवाओं को कैसे रेडिक्लाइज किया जाता है. कैसे उन्हें ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान भेजा जाता है और फिर जेहादी बनने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस किताब के जारी होने के बाद ही सेना द्वारा सभी से एकजुट होकर रहने की अपील की गई.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.