उदयपुर मर्डर: 'तो पापा बच जाते अगर पुलिस प्रोटेक्शन ना हटती', कन्हैयालाल के बेटों का छलका दर्द
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Udaipur Murder case: कन्हैयालाल हत्याकांड पर उनके बेटों ने बताया कि अगर पुलिस प्रोटेक्शन नहीं हटती को आज उनके पापा जिंदा होते. उन्होंने आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है.
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या से पूरा देश सन्न है. मर्डर करने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में कार्रवाई जारी है. इसी बीच कन्हैयालाल के बेटों तरुण और यश ने पिता की हत्या करने वालों दोनों आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है. साथ ही पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है.
कन्हैया लाल के बेटों ने 'आजतक' से खास बातचीत में बताया, 'हमने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट गलती से शेयर कर दी थी, जिसके बाद हमारे पापा के खिलाफ पड़ोसी नाजिम ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. हालांकि 24 घंटों बाद उन्हें जमानत मिल गई. इस मामले में समझौता भी हो गया. चार से पांच दिन तक हमने अपनी दुकान बंद रखी. क्योंकि हमें प्रशासन की तरफ से दुकान बंद रखने के लिए कहा गया था. इसी बीच पापा को किसी ने धमकी भी दी, जिसके बाद हमने थाने में शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की.'
बेटों ने बताया कि उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन तो मिली, लेकिन उसे भी दो दिन बाद हटा दिया गया. फिर जब सात दिनों बाद दुकान खोली तो अचानक पापा की बेरहमी से हत्या कर दी गई. बेटों ने कहा, 'हमें फोन पर किसी ने बताया कि आपके पापा का मर्डर हो गया है.' कन्हैया के बेटे यश ने कहा कि अगर पुलिस प्रोटेक्शन ना हटाती तो पापा बच सकते थे.
बेटों ने कहा कि हम दोनों अभी कॉलेज में पढ़ते हैं और घर में सिर्फ पापा ही कमाने वाले थे, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. बेटों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनके पापा की हत्या करने वालों को फांसी की सजा मिले. फांसी से कम सजा उनके लिए कुछ मंजूर नहीं है.
UAPA एक्ट के तहत मामला दर्ज बता दें, कन्हैया मर्डर केस में दोनों आरोपियों का पाकिस्तान के साथ भी कनेक्शन निकला है, जिसके बाद अब मामले की जांच NIA को सौंप दी गई है. उधर, राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि UAPA Act के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. राज्य की पुलिस के मुखिया लाठर ने यह भी बताया कि कन्हैयालाल की हत्या का आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014 में पाकिस्तानी के कराची शहर गया था. वह दावत-ए-इस्लामी नामक संस्था से जुड़ा था. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत दिल्ली और मुंबई में दावत-ए-इस्लामी के दफ्तर भी हैं.
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