
उत्तर कोरिया ने की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की टेस्टिंग, नाराज US उठाएगा प्रतिबंधों की मांग
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माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के इस लॉन्च का उद्देश्य खुद को परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकार कराना और अपनी खराब अर्थव्यवस्था के खिलाफ गंभीर प्रतिबंधों को हटाने के लिए अमेरिका को मजबूर करना है.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तर कोरिया द्वारा सबसे बड़ी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किए जाने के बाद उसपर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से प्रतिबंधों की मांग करेगा. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ "लंबे टकराव" की तैयारी करते हुए अपने देश के "न्यूक्लीयर वॉर डेटरेंट" का विस्तार करने का फैसला किया है.
उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने 2017 के बाद से पहली लंबी दूरी के मिसाइल टेस्टिंग की सूचना दी. दक्षिण कोरिया और जापान ने कहा कि उन्होंने इसका पता लगाया है.
गुरुवार के इस लॉन्च ने इस साल हथियारों के प्रदर्शनों की संख्या बढ़ा दी है. विश्लेषकों का कहना है कि इसका उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका को उत्तर कोरिया को परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकार कराना और अपनी खराब अर्थव्यवस्था के खिलाफ गंभीर प्रतिबंधों को हटाने के लिए मजबूर करना है.
प्रतिबंधों को "अपडेट और मजबूत करने" का प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शुक्रवार को, अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका, सुरक्षा परिषद के उन प्रतिबंधों को "अपडेट और मजबूत करने" के लिए एक उपाय का प्रस्ताव रखेगा जो मूल रूप से 2006 में उत्तर के पहले परमाणु परीक्षण विस्फोट के बाद लगाए गए थे. हालांकि थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने यह साफ नहीं किया कि वे नए उपाय क्या हो सकते हैं.
बता दें कि इस साल उत्तर कोरिया का यह 12वां प्रक्षेपण था. पिछले रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे.

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