इस देश में पहाड़ को मिला इंसान का दर्जा, होंगे एक नागरिक के सभी अधिकार, जानें पूरा किस्सा
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क्या किसी पहाड़ को इंसान का दर्जा मिल सकता है, तो जवाब है हां. दुनिया में एक ऐसा भी देश है जिसने अभी हाल में ही वहां की एक महत्वपूर्ण पहाड़ को नागरिक का दर्जा दिया है. चालिए जानते हैं क्या है इसकी पीछे की पूरी कहानी.
एक पहाड़ जिसे एक इंसान का दर्जा दिया गया है. ऐसा हुआ है न्यूजीलैंड में, यहां के मूलनिवासी माओरी समुदाय एक पर्वत को अपना पूर्वज मानते हैं. यह इतना महत्वपूर्ण पहाड़ है कि इसे एक नए कानून के तहत गुरुवार को कानूनी व्यक्ति का दर्जा प्रदान किया गया. इस कानून के तहत अब इस पर्वत को मनुष्य के समान सभी अधिकार और कर्तव्य प्राप्त होंगे.
तारानाकी पर्वत, जिसे अब उसके माओरी नाम 'तारानाकी मौंगा' से जाना जाएगा. न्यूजीलैंड में कानूनी व्यक्ति का दर्जा पाने वाली प्राकृतिक संरचना बन गई है. इससे पहले, न्यूजीलैंड में एक नदी और एक पवित्र भूमि क्षेत्र को भी यह दर्जा दिया जा चुका है.
तारानाकी मौंगा को क्यों मिली कानूनी पहचान यह 2,518 मीटर (8,261 फीट) ऊंचा निष्क्रिय ज्वालामुखी पर्वत है. उत्तर द्वीप का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है और पर्यटकों, पर्वतारोहियों और स्नो स्पोर्ट्स प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है. इसे कानूनी पहचान देने की वजह न्यूजीलैंड में उपनिवेशवाद के दौरान माओरी समुदाय से इस पर्वत को जबरन छीनने की ऐतिहासिक घटना को स्वीकार करना है. यह सरकार द्वारा माओरी समुदाय को हुई क्षति की भरपाई और न्याय देने के प्रयासों का हिस्सा है.
सर्वसम्मति से पारित हुआ यह कानून पर्वत को कानूनी व्यक्ति का दर्जा देने वाला यह विधेयक न्यूजीलैंड की संसद में 123 सांसदों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया. इस अवसर पर संसद में उपस्थित माओरी समुदाय के लोगों ने अपनी खुशी का इज़हार पारंपरिक वाइता (माओरी गीत) गाकर किया.
क्या होगा इस कानूनी दर्जे का असर? नए कानून के तहत, तारानाकी मौंगा को कानूनी रूप से 'ते काहुई तुपुआ' नामक एक जीवंत और अविभाज्य संपूर्ण इकाई माना जाएगा. इसमें इसके भौतिक और आध्यात्मिक दोनों पहलू शामिल होंगे. अब एक नई संस्था बनाई जाएगी, जो पर्वत की 'आवाज और चेहरा' होगी. इसमें स्थानीय माओरी समुदायों (इवी) के चार सदस्य और न्यूजीलैंड के संरक्षण मंत्री द्वारा नियुक्त चार अन्य सदस्य शामिल होंगे.
तारानाकी मौंगा का ऐतिहासिक महत्व न्यूजीलैंड के मूलनिवासी माओरी लोग तारानाकी पर्वत को अपने पूर्वज के रूप में पूजते हैं और इसे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक तथा भौतिक जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं. लेकिन जब ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने 18वीं और 19वीं शताब्दी में न्यूजीलैंड पर कब्जा किया, तो पहले उन्होंने इस पर्वत का नाम बदलकर 'माउंट एगमॉन्ट' रखा और फिर इसे जबरन छीन लिया.
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