
इस्तांबुल धमाके का आरोपी गिरफ्तार, राष्ट्रपति एर्दोगन बोले- 'ब्लास्ट में आतंक की बू', हमले के बड़े अपडेट्स
AajTak
तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में रविवार को जोरदार बम धमाका हुआ. इसमें अबतक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 81 लोग घायल हो गए हैं. वहीं, तुर्की के मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उधर, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि हमले में आतंकवाद की बू आ रही है.
तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में रविवार को भीड़-भाड़ वाले टकसिम स्क्वायर के इस्तिकलाल एवेन्यू में हुए जोरदार धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्री सोयलू ने इस बात की जानकारी ट्विटर के जरिए दी है.
वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के अनुसार बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई. बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले एर्दोगन ने कहा कि इस हमले में आंतकवाद की बू आ रही है. साथ ही कहा कि इस वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
उपराष्ट्रपति फुआट ओकटे और गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही अस्पताल जाकर घायलों से बात की. वाइस प्रेसिडेंट ओकटे ने कहा कि हमले में 6 लोगों की मौत हो गई है, जबकि घायलों की संख्या 81 हो गई है.
किसने ली हमले की जिम्मेदारी?
ओकटे ने कहा कि हम इसे आतंकवादी घटना की तरह देख रहे हैं. अगर इस बात की पुष्टि होती है, तो यह कई वर्षों में इस्तांबुल में पहला बड़ा बम विस्फोट होगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल इस विस्फोट की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है.
पहले कब हुए हमले

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.