
इमरान ने भरी सभा में चुनाव आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोला, मानहानि का केस कर 10 अरब हर्जाना मांगेंगे
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान फिलहाल चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. उन पर रोक लगी हुई है. ऐसे में पूर्व पीएम ने चुनाव आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोला है. इमरान अब चुनाव आयुक्त के खिलाफ 10 अरब रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. फिलहाल, वो लॉन्ग मार्च पर हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को एक बार फिर चुनाव आयोग प्रमुख पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त ने मुझे अयोग्य घोषित करके प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. इमरान अब चुनाव आयुक्त के खिलाफ 10 अरब रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे. अपने लॉन्ग मार्च के चौथे दिन की शुरुआत करते हुए पूर्व पीएम ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.
इमरान खान ने कहा है कि उनका उद्देश्य इस्लामाबाद तक मार्च के माध्यम से हकीकी आजादी (वास्तविक स्वतंत्रता) हासिल करना है, जो उनके शब्दों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने पर संभव है. बता दें कि 70 वर्षीय खान को इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) के पांच सदस्यीय पैनल द्वारा वर्तमान नेशनल असेंबली की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आयोग के पैनल प्रमुख सिकंदर सुल्तान राजा थे.
चुनाव आयुक्त को इमरान की ललकार
लॉन्ग मार्च के चौथे दिन की शुरुआत में कमोंकी में पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा- 'सिकंदर सुल्तान, मैं आपको अदालत में ले जाऊंगा, ताकि भविष्य में आप किसी और के निर्देश पर किसी की प्रतिष्ठा को नष्ट ना करें.' उन्होंने आरोप लगाया कि तोशाखाना में उनके खिलाफ ईसीपी के फैसले और प्रतिबंधित फंडिंग के मामले मौजूदा 'आयातित सरकार' के निर्देश पर दिए गए थे. इमरान ने कहा, 'आप (सिकंदर) चोरों के दोस्त हैं और कार्रवाई की जाएगी.'
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार, किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी या तोशाखाना में रखा जाना चाहिए.
दायर करेंगे मानहानि का मुकदमा

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.