
इमरान खान पर अब आर्मी एक्ट में एक्शन की तैयारी, जानें PAK सेना पूर्व पीएम पर क्यों चलाना चाहती है केस
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इमरान खान की पिछले दिनों गिरफ्तारी बाद पाकिस्तान सुलग उठा था. पीटीआई समर्थकों ने देशभर में आगजनी की घटनाओं को अनजाम दिया था. उन्होंने कई सैन्य अफसरों और प्रतिष्ठानों पर भी हमला कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को जमानत दे दी है. वहीं अब PAK सेना इमरान के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत केस चलाने जा रही है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में अराजकता और हिंसा फैल गई है. इस दौरान, राज्य संस्थानों और संवेदनशील सैन्य भवनों पर पीटीआई समर्थकों ने हमले भी किए. इसके बाद अब पाकिस्तान की सेना ने ऐसे अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है, जिन्होंने समर्थकों को सैन्य प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों पर हमले के लिए उकसाया.
रावलपिंडी में जनरल हेडक्वाटर में आयोजित विशेष कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) की एक अहम बैठक में पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल सैयद असीम मुनीर को 9 मई से बने कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि निहित राजनीतिक हित के लिए ऐसे हालात बनाए गए. जानकारी के मुताबिक बैठक में देश के मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा माहौल के बारे में जानकारी दी गई.
ISPR (इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस) के मुताबिक फोरम को जानकारी दी गई थी कि शुहादा चित्रों, स्मारकों को अपवित्र करने, ऐतिहासिक इमारतों को जलाने और सैन्य प्रतिष्ठानों में आगजनी की एक सुनियोजित योजना बनाई गई थी.
मंच ने उन घटनाओं की कड़ी निंदा की, जिन्हें उन्होंने सार्वजनिक और निजी भवनों के साथ-साथ राजनीतिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ राजनीतिक प्रेरित और उकसाया था. आईएसपीआर के मुताबिक कमांडर ने इन दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य घटनाओं पर सेना की पीड़ा और भावनाओं का भी जिक्र किया. यह कहा गया था कि घटनाओं की पूरी जांच के बाद ठोस सबूत जुटाए गए थे. इन सबूतों से हमले के योजनाकारों, उकसाने वालों और अपराधियों का पर्दाफाश हुआ है.
मृत्युदंड या उम्रकैद की हो सकती है सजा

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.