
इजरायल: बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई तय, विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने किया सरकार बनाने का दावा
AajTak
इजरायल की विपक्षी पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है और गठबंधन की सभी चीज़ें तय हो गई हैं. ऐसे में जल्द ही इजरायल में नई सरकार देखने को मिल सकती है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सत्ता से विदाई अब लगभग तय हो गई है. इजरायल की विपक्षी पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है और गठबंधन की सभी चीज़ें तय हो गई हैं. ऐसे में जल्द ही इजरायल में नई सरकार देखने को मिल सकती है. विपक्षी नेता याइर लैपिड ने बुधवार को ट्विटर पर ऐलान किया कि उनके गठबंधन ने राष्ट्रपति को सरकार बनाने की सूचना दे दी है. हमारी सरकार इजरायल के लोगों के लिए काम करेगी और देश को सुरक्षित रखेगी. बता दें कि बीते दिन ही चुनाव प्रक्रिया के ऐलान से पहले का आखिरी दिन था. यानी अगर विपक्षी पार्टियां गठबंधन बनाने में एक दिन भी लेट हो जाती तो फिर इजरायल में चुनाव होते. पिछले दो साल में इजरायल में चार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन किसी भी चुनाव में कोई एक पार्टी पूर्ण बहुमत नहीं ला पाई. अब जब विपक्ष की पार्टियों ने गठबंधन बना लिया है तो बेंजामिन नेतन्याहू को पद छोड़ना होगा. वह पिछले 12 साल से लगातार इजरायल के प्रधानमंत्री हैं. एक हफ्ते में साबित करना होगा बहुमत खास बात ये है कि याइर लैपिड और नफ्ताली बेनेट की पार्टियों को इस गठबंधन में इस बार एक अरब पार्टी भी शामिल हुई है. यूनाइटेड अरब लिस्ट नाम की पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा है, अगर सरकार बनती है तो वह इजरायल सरकार में शामिल होने वाली पहली अरब पार्टी होगी. इजरायल की संसद में बहुमत साबित करने के लिए 61 का आंकड़ा चाहिए. अब जब विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है तो अगले एक हफ्ते के अंदर संसद में बहुमत साबित करना होगा और फिर नई सरकार का कामकाज शुरू हो जाएगा. कोरोना संकट के बीच इजरायल में पिछले साल आखिरी बार चुनाव हुए थे, लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला था. तब बेंजामिन नेतन्याहू की अगुवाई में ही एक गठबंधन सरकार बनी थी, लेकिन वो ज्यादा वक्त नहीं चल पाई. बीते कुछ दिनों से इजरायल काफी सुर्खियों में बना हुआ है, पहले कोविड संकट, फिर वैक्सीनेशन और उसके बाद फिलीस्तीन-इजरायल के बीच चली जंग ने दुनिया का ध्यान उस ओर ही खींचे रखा.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.