इंदिरा या सोनिया, किसकी राह पर चलेंगे राहुल गांधी! रायबरेली और वायनाड में से छोड़ेंगे कौन सी सीट?
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राहुल गांधी से पहले भी नेहरू-गांधी परिवार से आने वाले नेता नॉर्थ और साउथ की सीटों से चुनाव जीत चुके हैं. जब नॉर्थ और साउथ में से किसी एक सीट चुनने की बारी आई तो नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ने कहां की सीट छोड़ी और कहां की सीट रखी?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में दो सीटों से मैदान में उतरे थे- केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली. वह दोनों ही सीट से विजयी रहे. अब उन्हें एक सीट छोड़नी होगी. चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद पहली बार वायनाड पहुंचे राहुल गांधी ने जनता का आभार प्रकट किया और फिर ये भी पूछ लिया कि कहां से सांसद रहें. वायनाड में उन्होंने कहा कि दुविधा में हूं कि क्या चुनूं. रायबरेली या वायनाड? उन्होंने लगे हाथ यह भी कह दिया- मेरे फैसले से वायनाड और रायबरेली, दोनों खुश होंगे ये वादा करता हूं. सभी तरह के समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं और जल्द ही आपसे मिलने फिर आऊंगा.
राहुल की दुविधा, क्या चुनूं वाले सवाल और वायनाड की जनता से फिर मिलने आने के वादे से शुरू हुई अटकलों को और हवा दे दी केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरन के बयान ने. सुधाकरन ने कहा कि राहुल गांधी जिन्हें देश का नेतृत्व करना है, उनसे वायनाड में रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती. हमें दुखी नहीं होना चाहिए. हर किसी को यह समझना चाहिए और उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए. राहुल के वायनाड छोड़ने की अटकलों के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता ये पोस्टर लिए नजर आए, "राहुलजी, प्लीज हमें छोड़कर मत जाइए. अगर जाना पड़े तो अपनी बहन प्रियंका गांधी से कहें कि वह हमारा ख्याल रखें."
यह कोई पहला मौका नहीं है जब नेहरू-गांधी परिवार से आने वाला कांग्रेस का कोई नेता दो सीट से चुनाव जीता हो. ऐसा पहले भी हुआ है. इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक, दो सीटों से चुनाव जीत चुकी हैं. खास बात यह भी है कि दोनों ही एक उत्तर भारत और एक दक्षिण भारत की सीटों से चुनाव जीती थीं, ठीक उसी तरह जैसे राहुल गांधी. नेहरू-गांधी परिवार का कोई नेता जब-जब दो सीटों से चुनाव जीता है तब उसने नॉर्थ या साउथ, किसे चुना है? कौन सी सीट अपने पास रखी और कौन सी सीट छोड़ी?
जब दो सीटों से जीती थीं इंदिरा
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इमरजेंसी के बाद हुए पहले चुनाव में रायबरेली सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. 1977 में राजनारायण से रायबरेली में मिली मात के बाद इंदिरा 1980 में दो सीटों से चुनाव मैदान में उतरीं. इंदिरा गांधी ने रायबरेली के साथ ही आंध्र प्रदेश की मेंडक लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा. उन्हें दोनों ही सीटों पर जीत मिली. बात जब अपनी परंपरागत सीट रायबरेली और मेंडक में से किसी एक को चुनने की आई तो इंदिरा ने आंध्र प्रदेश की सीट को तरजीह दी. इंदिरा ने रायबरेली सीट से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
सोनिया ने चुनी थी अमेठी सीट
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