आवारा कुत्तों के मुद्दे को SC ने माना जायज, पशु कल्याण बोर्ड से मांगा 7 साल का आंकड़ा
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आवारा कुत्तों से जुड़े मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने इस मामले को गंभीर माना और राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड से पिछले 7 साल के आंकड़े मांगे हैं. अब पशु कल्याण बोर्ड इस मामले में हलफनामा दाखिल करेगा. इस मामले में बॉम्बे और केरल के लोगों ने याचिका दायर की थी.
देशभर के कई इलाकों से आए दिन आवारा कुत्तों से जुड़े मामले आते रहते हैं. ऐसे में यह मामला आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. वहां आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कुत्ता काटने के पिछले सात साल के आंकड़े राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड से तलब किए हैं. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई अगले साल 2023 के फरवरी में करेगा.
पशु कल्याण बोर्ड दाखिल करेगा हलफनामा
पशु कल्याण बोर्ड हलफनामे के जरिए आंकड़े सहित रिपोर्ट दाखिल करेगा. बोर्ड कोर्ट को यह भी बताएगा कि पशुओं पर क्रूरता रोकने, निषेध कानून 1960 की रोशनी में कोर्ट की ओर से और गाइडलाइन देने की क्या जरूरत है?
केरल के मामले को SC ने बताया जायज
केरल के मामले के अलावा बॉम्बे में एक सोसायटी में रहने वाले एक आदमी ने पालतू कुत्ते के हमले को आधार बनाकर इस मामले में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से मामले को लेकर कुछ वीडियो मांगे गए और जजों ने वो वीडियो देखे. कोर्ट ने कहा कि हमने वीडियो देखे और आपकी चिंता जायज है.
बॉम्बे वाले मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कही ये बात
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