
आर्थिक संकट ने निकलने को पाकिस्तान विदेश में बंद करेगा अपने कार्यालय, कर्मचारियों की होगी छंटनी
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पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. वहां महंगाई 30 फीसदी तक पहुंच गई है. आवश्यक सामग्री की किल्लत होने लगी है. आटा-दाल की कीमत आसमान छू रहे हैं. इस बीच पाक पीएम शहबाज शरीफ ने खर्च कम करने के लिए अपने विदेशी मिशन और कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया है.
पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इस समस्या से उबरने के लिए पाकिस्तान लगातार अपने खर्चों में कटौती कर रहा है. अब पाकिस्तान ने अपने विदेशी खर्च कम करने का फैसला किया है. पाकिस्तान के जियो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम शहबाज शरीफ ने विदेश मंत्रालय को विदेशी मिशनों, कार्यालयों और कर्मचारियों की संख्या कम करने और अन्य उपायों को कम करने के निर्देश जारी किए हैं ताकि खर्च में 15% की कटौती की जा सके.
जनवरी में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की बनाई हुई नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 10% तक काटने का प्रस्ताव रखा था. इतना ही नहीं कमेटी ने मंत्रालयों-विभागों के खर्च में 15% की कटौती का प्रस्ताव रखा है. साथ ही मंत्रियों की संख्या कम करने की सलाह दी है. कमेटी ने सरकार के सलाहकारों की संख्या को 78 से घटाकर 30 करने की सिफारिश थी, जबकि बाकी बिना पैसे के काम करेंगे.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है. हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं. देश की इस हालत के लिए राजनैतिक नेताओं समेत सेना और नौकरशाही पर निशाना साधा.
महंगाई बढ़ी, बेरोजगारी संकट गहराया
देश में महंगाई 30 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है. आटा-दाल-चावल से लेकर पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान छू रहे हैं. मांग बढ़ने से आवश्यक सामान की किल्लत तेजी से बढ़ रही है.वहीं पाकिस्तान के खराब होते हालातों से घबराकर लोग पाकिस्तान छोड़कर भागने लगे हैं.
वहीं पाकिस्तान में बेरोजगारी का संकट गहराता जा रहा है. दवा कंपनियों में काम रुकने की वजह से लोगों को बेरोजगारी के साथ ही बीमारी के इलाज में दवाओं की भारी किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.