आतंकवाद की परिभाषा बदल जाएगी... ये काम भी माने जाएंगे टेररिस्ट एक्ट, जानें कितना सख्त हो रहा कानून
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एक जुलाई से तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा रहे हैं. आईपीसी की जगह लेने वाली भारतीय न्याय संहिता में आतंकवाद की परिभाषा को और विस्तृत कर दिया गया है. अब कई सारे कामों को आतंकवादी कृत्य में शामिल किया गया है. इनमें दोषी पाए जाने पर मौत की सजा तक का प्रावधान है.
पहली जुलाई से तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू हो जाएंगे. इसके बाद आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता ले लेगी. ये तीनों ही कानून पिछले साल संसद से पास हो चुके हैं.
आईपीसी की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में संगठित अपराध और आतंकवाद की परिभाषा भी तय कर दी गई है. आईपीसी में आतंकवाद की परिभाषा नहीं था. इसके साथ ही कौनसा अपराध आतंकवाद के दायरे में आएगा, इसका जिक्र भी है.
अब देश के बाहर भारत की किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना भी आतंकवादी कृत्य माना जाएगा. माना जाता है कि पिछले साल अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के कारण इसे आतंकवाद के दायरे में लाया गया है.
आतंकवाद के दायरे में क्या-क्या?
अब तक आतंकवाद की कोई परिभाषा नहीं थी, लेकिन अब इसकी परिभाषा है. इस कारण अब कौनसा अपराध आतंकवाद के दायरे में आएगा, ये निश्चित हो गया है.
भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 के मुताबिक, जो कोई भारत की एकता, अखंडता, और सुरक्षा को खतरे में डालने, आम जनता या उसके एक वर्ग को डराने या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के इरादे से भारत या किसी अन्य देश में कोई कृत्य करता है तो उसे आतंकवादी कृत्य माना जाएगा.
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