आज का दिन: भारतीय हॉकी टीम के बजट को कौन कर गया चट?
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इंडियन हॉकी को दिए गए बजट में किसने मारी सेंध? पंजाब-उत्तराखंड में कांग्रेस क्यों नहीं तय कर पा रही नेता प्रतिपक्ष? रूस-यूक्रेन के बीच शांति की बात नहीं बनने देगा बूचा जनसंहार? सुनिए 'आज का दिन' अमन गुप्ता के साथ.
आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज सुनेंगे कांग्रेस हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद एक और कशमकश में उलझी हुई है. पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है. इंडिया की ओलंपिक बॉडी के चीफ नरेंद्र भाटिया पर आरोप हैं कि उन्होंने हॉकी के मद में जारी फंड्स का मिसयूज किया. वही हॉकी जिसमें टीम इंडिया ब्रॉन्ज जीतकर आई है. सुनिए 'आज का दिन' अमन गुप्ता के साथ.
कांग्रेस क्यों नहीं चुन पा रही नेता प्रतिपक्ष? कांग्रेस हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद एक और कशमकश में उलझी हुई है. पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है. वहीं चुनाव नतीजों को आए 27 दिन हो चुके हैं लेकिन अब तक पार्टी दोनों प्रदेशों में अपना नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन सकी है. पंजाब में दोबारा सरकार बनाने का दावा कर रही पार्टी की महज 18 सीटें आई हैं. यहां उसे सोचना है कि कौन सा ऐसा नेता हो जो मजबूती से विधानसभा में पार्टी का पक्ष रखे और उत्तराखंड में तो पार्टी के सामने नेता प्रतिपक्ष के अलावा प्रदेश अध्यक्ष चुनने का भी टास्क है. यहां गणेश गोदियाल के इस्तीफ़ा देने के बाद प्रदेश के मुखिया की भी कुर्सी खाली है. तो पार्टी के सामने इन दोनों राज्यों में नेता प्रतिपक्ष चुनने में क्या समस्या आ रही है? दोनों राज्यों में कौन से वो नाम हैं जन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद सौंपा जा सकता है?
हॉकी टीम के बजट में सेंध! कहते हैं खेल ईमानदारी सिखाता है. लेकिन क्या हो जब खेल आयोजकों पर ही बेईमानी या धांधली के आरोप लगे. कल ऐसा ही कुछ मामला आया है. मामला जुड़ा है इंडिया की ओलंपिक बॉडी से. इस भारतीय संस्था के चीफ नरेंद्र भाटिया पर आरोप हैं कि उन्होंने हॉकी के मद में जारी फंड्स का मिसयूज किया. वही हॉकी जिसमें टीम इंडिया ब्रॉन्ज जीतकर आई है. धांधली की राशी क़रीब 35 लाख का का बतायी जा रही है. वहीं सीबीआई ने इस मामले की शुरुआती जांच शुरू कर दी है. पिछले साल आपको याद होगा कि पिछले साल ही ओलंपिक का फंड दो सौ करोड़ रूपए कम करने पर खूब बवाल कटा था जिसके बाद अब Indian Olympic Association से जुड़ा मसला सामने आया है. तो ये पूरा मामला क्या है और इसका पता कैसे चला? क्या कार्रवाई हुई है अब तक इस मामले में?
बूचा जनसंहार बनेगा शांति वार्ता में रोड़ा? रूस यूक्रेन जंग को 42 दिन से ऊपर हो गए हैं. कीव से पीछे हट रही रूसी सेना ने बूचा में हमले तेज़ कर दिए हैं. कल डोनबास में भी लगातार बमबारी होती रही. इसी बीच यूक्रेन के बूचा शहर में हुए कथित जनसंहार पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि खून बहाकर और मासूमों को मारकर किसी भी समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता इसलिए बातचीत के जरिए ही इस समस्या का हल निकालना चाहिए. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की ने भी बूचा जनसंहार पर रूस की निंदा की है. कहा जा रहा है कि रूसी सेना में सेपरेट मोटराइज्ड राइफल ब्रिगेड के कमांडर अजात्बेक ओमुरबेकोव ने बूचा में 400 लोगों की हत्या की है और साथ ही महिलाओं के साथ रेप भी किया है. वहीं यूक्रेनी वायु सेना ने दावा किया की रूसी सेना बेलारूस से मिसाइलें दाग रही हैं. वायु सेना ने कहा कि रूसी सेना ने अब बेलारूस को अपना लॉन्च पैड बनाया है. इसी के साथ यूक्रेन ने आठ रूसी क्रूज मिसाइलों को तबाह करने का दावा भी किया है. दूसरी तरफ, यूरोपियन यूनियन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को घेरने के लिए अब उनकी बेटियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है. बिजनेस वेबसाइट ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और G-7 मिलकर रूस में होने वाले सभी नए इन्वेस्टमेंट पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं. मगर अब यहां जो मूल सवाल बनता है वो ये कि बूचा में हुआ जनसंहार क्या रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत को प्रभावित करेगा? इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
7 अप्रैल 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.