
आईटी प्रोफेशनल, मॉडल और मेकअप आर्टिस्ट... महाकुंभ में किन्नर अखाड़े से जुड़ीं साध्वी की अनोखी कहानी!
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प्रयागराज के कुंभ मेले में किन्नर अखाड़ा भी शामिल है. यहां दो शिक्षित और प्रेरणादायक हस्तियां महामंडलेश्वर इंदु नंद गिरी और साध्वी देवयानी मुखर्जी अपने धार्मिक योगदान को लेकर सुर्खियों में हैं. आईटी प्रोफेशनल रह चुकी महामंडलेश्वर और दूसरी मॉडलिंग और सोशल एक्टिविस्ट रहीं साध्वी किन्नर समाज के प्रति समाज की धारणा को बदलने की कोशिश कर रही हैं.
प्रयागराज महाकुंभ में इन दिनों एजुकेटेड बाबा और अन्य व्यक्तित्व वाले लोग खूब वायरल हो रहे हैं.कुंभ में किन्नर अखाड़ा भी शामिल हैं. यहां महामंडलेश्वर और साध्वी भी चर्चा में हैं, श्रद्धालु जिनका आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. महामंडलेश्वर उच्च शिक्षित हैं, आईटी के क्षेत्र में जॉब कर चुकी हैं. वही साध्वी ग्रेजुएट हैं, जो इलेक्शन कमीशन की आइकॉन हैं. यह साध्वी डॉक्टर या साइंटिस्ट बनना चाहती थीं, लेकिन किन्हीं वजहों से अपना मिशन पूरा नहीं कर सकीं.
महामंडलेश्वर इंदु नंद गिरी दिल्ली की रहने वाली हैं. इन्होंने 12वीं के बाद ग्रेजुएशन किया, फिर IT कोर्स किया. इसके बाद आईटी सेक्टर में जॉब किया. इसके अलावा मेकअप आर्ट कोर्स भी किया और मेकअप आर्टिस्ट भी रहीं. इंदु नंद गिरी का शुरू से ही सनातन धर्म से लगाव रहा है. पूजा-पाठ में आस्था रखती थीं.
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इंदु नंद गिरी ने IT सेक्टर की जॉब छोड़ दी और किन्नर अखाड़े में शामिल हो गईं. वे इस समय किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं. सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही हैं. इंदु नंद गिरी कहती हैं कि हर किन्नर दर्द झेलकर आता है. किन्नर के जीवन में दर्द बचपन से ही शुरू हो जाता है. जैसे ही वह बड़ा होता है, आसपास, समाज के ताने और पड़ोस का डर सताता रहता है. जब किन्नर स्कूल भी जाता है, तो स्कूल में भी उसके साथ खराब व्यवहार किया जाता है.
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के द्वारा अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता. टीचर अच्छा व्यवहार करते थे, लेकिन आसपास का माहौल ठीक नहीं था. ये सब हम सभी किन्नरों की जीवन में है, जिसकी चर्चा परिवार में नहीं कर पाते हैं. हम लोगों को ऐसा चाहिए होता है, जो हमारे दर्द को समझ सके. इसलिए हम लोग किन्नर अखाड़े में शामिल हो गए.
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