आंध्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष रुद्र राजू ने दिया पद से इस्तीफा, वाईएस शर्मिला को मिल सकती है जिम्मेदारी
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आंध्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष गिदुगु रुद्र राजू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुईं वाईएस शर्मिला को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
आंध्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष गिदुगु रुद्र राजू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुईं वाईएस शर्मिला को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
इस महीने की शुरुआत में वाईएस शर्मिला ने अपनी वाईएसआर तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा की थी. बता दें कि वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं.
कांग्रेस में शामिल होते समय शर्मिला ने कहा था कि आज मैं वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय करते हुए बहुत खुश हूं. मुझे बेहद खुशी है कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है. कांग्रेस की तारीफ करते हुए शर्मिला ने कहा कि यह देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, क्योंकि यह अटूट रूप से सभी समुदायों की सेवा करती है और सभी वर्गों के लोगों को एकजुट करती है.
तेलंगाना में हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान, शर्मिला ने के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले बीआरएस के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन को समाप्त करने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह तेलंगाना में इसलिए चुनाव नहीं लड़ीं, क्योंकि इससे वोटों का बंटवारा होता. इस चुनाव में कांग्रेस ने 119 में से 64 सीटें जीतकर पहली बार तेलंगाना में पूर्ण बहुमत हासिल किया. भारत राष्ट्र समिति, जिसने 10 वर्षों तक तेलंगाना पर शासन किया, ने 38 सीटें जीतीं. रेवंती रेड्डी को कांग्रेस ने तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाया.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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