अलपन बंदोपाध्याय फिर नहीं आए दिल्ली, अब केंद्र के पास क्या बचे हैं विकल्प?
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अलपन बंदोपाध्याय भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नहीं रह गए. यह कदम उठाकर उन्होंने अपने आपको केंद्र की ओर से लिए जाने वाले कड़े एक्शन से बचा लिया है. हालांकि, अलपन बंदोपाध्याय के मामले में अब केंद्र के पास करवाई के लिए सीमित विकल्प हैं.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय त्यागपत्र दकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार बन गए हैं. अब अलपन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नहीं रह गए. यह कदम उठाकर उन्होंने अपने खिलाफ केंद्र की ओर से लिए जाने वाले कड़े एक्शन से बचा लिया है. हालांकि, अलपन बंदोपाध्याय के मामले में अब केंद्र के पास करवाई के लिए सीमित विकल्प हैं. बता दें कि अलपन बंदोपाध्याय की 31 मई को ही सेवानिवृत्ति की तारीख भी थी, लेकिन राज्य सरकार के आग्रह पर 24 मई को ही उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार मिला था. इसी बीच यास तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में शामिल न होने के लिए मुख्य सचिव अलपन को दिल्ली तलब किया गया था. उन्हें सोमवार सुबह 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था, लेकिन वे नहीं आए क्योंकि ममता सरकार ने उन्हें रिलीव नही किया. ऐसे में उन्होंने दिल्ली आने के बजाय अपना इस्तीफा दे दिया.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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